बाढ़ से जम्मू के व्यापार पर पड़ी दोहरी मार
जागरण संवाददाता, जम्मू। प्राकृतिक आपदा का जम्मू के व्यापार पर दोहरी मार पड़ी। स्थानीय स्तर पर व्यापार थमने के साथ कश्मीर से करोड़ों की लेनदारी फंस गई है, जिसके अब वसूली के आसार भी नहीं दिख रहे। जम्मू के अलावा अमृतसर व लुधियाना मंडी भी कश्मीर के हालात पर सकते में है।
कश्मीर घाटी में खाद्य आपूर्ति मुख्य रूप से जम्मू, अमृतसर व लुधियाना से होती है। हर महीने करोड़ों रुपये की खाद्य सामग्री इन मंडियों से कश्मीर के लिए जाती है। इसके अलावा कपड़ा, जूते, इलेक्ट्रोनिक्स व लगभग हर सामान जम्मू से होकर जाता है। व्यापारिक लेनदेन के चलते काफी हद तक सामान उधार पर भी जाता है। दूसरी तरफ फलों का व्यापार दिल्ली व मुंबई के व्यापारी भी करते हैं। हालांकि सेब के बागों का बीमा होता है, लिहाजा इन व्यापारियों को नुकसान होने की संभावना कम है लेकिन अन्य आपूर्ति करने वाले व्यापारियों के इस समय होश उड़े हुए हैं।
कश्मीर के हालात से चिंतित जम्मू की थोक मंडी को फिलहाल कश्मीर से कोई ऑर्डर भी नहीं मिल रहा, जिससे एक तरफ जहां व्यापार मंदा है तो दूसरी तरफ पुराने भुगतान को लेकर चिंता सता रही है। स्थानीय व्यापारियों का एक गुट का मानना है कि कश्मीर के व्यापारियों को शायद उनके नुकसान का मुआवजा मिल जाए लेकिन वह उधार की अदायगी करेंगे, इसकी गारंटी नहीं।
इस बीच, चैंबर ऑफ ट्रेडर्स फेडरेशन ने अपने स्तर पर कश्मीर में फंसे पैसे की जानकारी जुटाना शुरू कर दी है।
फेडरेशन के प्रधान यशपाल गुप्ता ने इस संदर्भ में सभी व्यापारिक संगठनों की आपात बैठक भी बुलाई जिसमें हर वर्ग को अपना हिसाब देने को कहा गया। ऐसी उम्मीद है कि सप्ताह भर में कश्मीर में फंसे पैसे का सहीं आकलन हो जाएगा।