गरीबों के आश्रय पर सुस्ती की मार
राज्य ब्यूरो, जम्मू : राज्य में गरीबों को आश्रय देने के लिए सरकार कितनी गंभीर है, यह सुंजवा में बन रहे फ्लैटों से साबित हो जाता है। पांच वर्ष से इनका निर्माण कार्य जारी है, लेकिन आज भी फ्लैट बन नहीं पाए हैं। यही नहीं जिन लोगों के लिए यह फ्लैट बनाए जा रहे थे, उसमें भी अब बदलाव किया जा रहा है।
सुंजवा में वर्ष 2009-10 में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की योजना के तहत फ्लैट बनाने का काम शुरू हुआ था। इसके तहत 336 फ्लैट बनाए जाने थे। पांच वर्ष तक इनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी केवल 64 फ्लैट ही बनाए गए हैं। 192 फ्लैट बनाने का काम अभी भी जारी है। यह फ्लैट बनाने का काम कब पूरा होगा, इसके बारे में अभी भी कुछ साफ नहीं है।
जम्मू नगर निगम का कहना है कि इसके निर्माण कार्य में अभी सात करोड़ रुपयों की देनदारी है। जब यह दूर हो जाएगी तब काम में तेजी आ जाएगी।
निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का कहना है कि निर्माण कार्य में ई-टेंडरिंग के दौरान बहुत ही कम रिस्पांस आया। यही नहीं फंड्स की भी पूरे प्रोजेक्ट के दौरान कमी रही। इसीलिए भी प्रोजेक्ट में देरी हो रही है।
इस प्रोजेक्ट के साथ एक तथ्य यह भी जुड़ा है कि जब यह शुरू हुआ था तब फ्लैट उन लोगों को दिए जाने थे, जिनके पास घर नहीं थे। उस समय राजीव कॉलोनी में रहने वाले लोगों को फ्लैट देने की योजना बनाई गई थी, मगर अब उसे भी बदल दिया गया है। इसके पीछे कारण यह बताया गया है कि राजीव कॉलोनी में रहने वालों के पास स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र नहीं हैं। इसीलिए अब प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों के साथ बात करके नये सिरे पर योजना बनाई जा रही है। अभी यह साफ नहीं है कि यह फ्लैट किसे दिए जाएंगे। इस कारण अभी तक जो 64 फ्लैट बनाए गए हैं, उनमें से एक को भी किसी को अलॉट नहीं किया जा सका है और यह योजना पांच वषरें से लगातार लटकती आ रही है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में हुआ। सूचना केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से सेवानिवृत्त हुए डिप्टी कमांडेंट मदन मोहन शर्मा ने हासिल की है।