आउट ऑफ टर्न पदोन्नति के लाभ देने से इन्कार
जेएनएफ, जम्मू : हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीआइडी में हैड कांस्टेबल गुलाम मुर्तजा को मिली आउट ऑफ टर्न पदोन्नति का समय पूर्व लाभ देने से इन्कार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को जिस दिन यह पदोन्नति मिली, वह उसी दिन से पदोन्नति के फायदों का हकदार है।
गुलाम मुर्तजा ने सीआइडी में रहते आतंकवादी गतिविधियों की उपयुक्त जानकारियां उपलब्ध करवाई जिनके आधार पर सुरक्षाबलों ने कई सफल अभियान चलाए। गुलाम मुर्तजा की इस कार्य कुशलता को देखते हुए उसे पंद्रह दिसंबर 2000 को आउट ऑफ टर्न पदोन्नति देते हुए हैड कांस्टेबल से असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर बनाया गया।
गुलाम मुर्तजा का तर्क था कि 16 मार्च 1998 को उसे पदोन्नत करने की सिफारिश की गई थी लेकिन बिना कारण उसकी पदोन्नति को दो साल तक रोका गया। लिहाजा उसे 16 मार्च 1998 से पदोन्नति का लाभ दिया जाए। हाईकोर्ट ने गुलाम मुर्तजा की इस अपील को खारिज करते हुए कहा कि बतौर पुलिसकर्मी याचिकाकर्ता ने वही काम किया, जिसके लिए उसकी नियुक्ति हुई थी। याचिकाकर्ता को पदोन्नत करने की जो सिफारिश की गई, उसमें भी किसी विशेष उपलब्धि या कारनामे का जिक्र नहीं। ऐसे में कोर्ट को लगता है कि याचिकाकर्ता को इस बात का ही संतोष होना चाहिए कि उसकी सेवाओं को सराहा गया और उसे आउट ऑफ टर्न पदोन्नति दी गई।