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बचत है सबसे बेस्ट

कल से नन्हीं सलमा काफी खुश है। वह कभी एक हाथ में ली हुई चाकलेट को देखती है तो कभी दूसरे हाथ में पकड़े हुए पासबुक को। बात खुशी की इसलिए भी है, क्योंकि हर बार ईद के मौके पर उसे ईदी के रूप में जो रुपये मिलते थे, उन्हें वह अगले दिन मेले में खर्च कर डालती थी.. लेकिन इस बार उस्

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 02:56 PM (IST)
बचत है सबसे बेस्ट

कल से नन्हीं सलमा काफी खुश है। वह कभी एक हाथ में ली हुई चाकलेट को देखती है तो कभी दूसरे हाथ में पकड़े हुए पासबुक को। बात खुशी की इसलिए भी है, क्योंकि हर बार ईद के मौके पर उसे ईदी के रूप में जो रुपये मिलते थे, उन्हें वह अगले दिन मेले में खर्च कर डालती थी.. लेकिन इस बार उसके अब्बा हुजूर ने उसे मिले रुपयों को एकत्र कर उसका बैंक खाता खुलवा दिया। साथ ही उसको बचत के बारे में भी समझाया कि छोटी-छोटी बचत एक दिन बहुत काम आती हैं। सलमा के कान में अभी भी अब्बा हुजूर की नसीहत गूंज रही थी, पासबुक कोई साधारण किताब नहीं है। यह तुम्हारी बेहतर तालीम और भविष्य की पाक किताब है। बचत और मितव्ययता के उसूलों को तुम जितनी बेहतरी से समझोगी और अपने जीवन में ढालोगी। उतनी ही बेहतर इंसान बनोगी और हमेशा परेशानियों से दूर रहोगी।

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सलमा की ही तरह मिस्टी भी काफी खुश नजर आ रही थी। कारण उसके मेहंदी लगे नन्हें हाथों में एक फिक्स्ड डिपॉजिट की रसीद थी। पैकिंग में उसकी फोटो लगी थी और रसीद में उसका नाम था। उसे यह तोहफा उसके बड़े भाई ने रक्षाबंधन पर दिया था। पापा ने मिष्टी को प्यार करते हुए कहा था, आज तुम्हारा भाई तुम्हारे लिए सामाजिक सुरक्षा का न केवल वचन दे रहा है, बल्कि तुम्हारे लिए आर्थिक समृद्धता की भी बुनियाद रख रहा है। आज से तुम थोड़ी-थोड़ी बचत करना सीखो। यह तुम्हारे सुनहरे भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। अगर अभी से तुम बचत की आदत डाल लोगी तो आगे चलकर कभी भी तुम्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

यह बात बिल्कुल सही है कि यदि बचपन से ही बच्चों में बचत की आदत डाली जाए तो आगे चलकर उनको परेशान नहीं होना पड़ता है। बचत की आदत डालने के लिए जरूरी है कि किसी भी बैंक में बच्चे का खाता जरूर खुलवाएं। खाता खुलवाने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत करने की भी जरूरत नहीं है। बच्चे की आईडी के लिए उसका जन्म प्रमाण पत्र तो आपके पास होगा ही। इसके साथ ही कोई अन्य आईडी प्रूफ भी बनवा लें, क्योंकि खाता खुलवाने के लिए आईडी प्रूफ की जरूरत पड़ती है। आप चाहें तो राशन कार्ड में बच्चे का नाम डलवा सकती हैं, आधार कार्ड, स्मार्ट कार्ड, पैन कार्ड भी बनवा सकती हैं। वैसे सबसे बेहतर रहता है पैन कार्ड। पैन कार्ड किसी भी उम्र के बच्चे का बन सकता है। पते के रूप में माता/पिता अपने पते का प्रमाण दे सकते हैं।

छोटे बच्चों के केवाईसी के पेपर

-यदि बच्चा 10-12 वर्ष से अधिक का है और अपने नाम से खाता खोलना चाहता है तो पहचान के कागजात जैसे पैन कार्ड।

-निवास प्रमाण पत्र। इसके लिए राशन कार्ड में नाम होना चाहिए।

-यदि उसका खाता नैसर्गिक अभिभावक के साथ खुल रहा है तो अभिभावक के पहचान एव निवास के पेपर लगेंगे।

बार-बार बैंक जाने की जरूरत नहीं

वो जमाना गया, जब हर बार पैसे जमा करने व निकालने के लिए बैंक जाना पड़ता था। अब तो बैंकिंग के ढेर सारे वैकल्पिक चैनल उपलब्ध हैं। इसलिए इन पर जोर अवश्य दें। आजकल बैंकिंग में अधिकांश कार्य वैकल्पिक माध्यमों से जैसे एटीएम कार्ड से पैसे निकालना, ग्रीन कार्ड और कैश डिपॉजिट मशीन के जरिए पैसे जमा करना, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन पेमेंट जैसे कार्य आसानी से हो जाते हैं। इन माध्यमों का उपयोग करने के लिए बैंक में खाता खुलवाते समय सभी जरूरी फार्म अवश्य भरें। इस संदर्भ में मैनेजर अंकल से अन्य सुविधाओं की भी जानकारी ले लें। समय-समय पर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग सुविधाएं ग्राहकों के लिए उपलब्ध होती हैं, लेकिन हम उनके बारे में जानकारी नहीं करते। मसलन बीमा की सुविधा, लोन की सुविधा आदि।

पैकिंग शानदार हो तो क्या कहना

बच्चों को बेहतरीन पैकिंग बहुत भाती है। बैंक तो बच्चों का भविष्य बेहतर बनाते हैं। इसलिए बच्चों की पासबुक या एफडी की पैकिंग शानदार होनी चाहिए। नेहा ने तो अपनी बेटी को पासबुक देने से पहले बाजार से एक नक्काशीदार बाक्स खरीदा। फिर उसे और खूबसूरती से सजाकर बाक्स के अंदर नसीहत के दो शब्द लिखकर और पासबुक रखकर जब बेटी को प्रजेंट किया तो उनकी बेटी के मुंह से सिर्फ ये शब्द निकले, थैंक्यू मॉम! यू आर सो लवली।

कितने पैसे रख सकते हैं

-बच्चे के अकेले नाम से बचत खाता है तो अधिकतम शेष दो लाख।

-बच्चे के अकेले नाम से सावधि जमा खाता है तो अधिकतम शेष दो लाख, अधिकतम अवधि 10 वर्ष।

-बच्चे के नाम से नैसर्गिक अभिभावक द्वारा खाता है तो अधिकतम शेष 20 लाख, अधिकतम अवधि 10 वर्ष।

-बच्चे के अकेले नाम से आवर्ती जमा खाता अधिकतम शेष दो लाख। मासिक किश्त इस तरह समायोजित की जाएगी कि परिपक्वता पर राशि दो लाख से अधिक न हो।

(शोभा अजय महरोत्रा)


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