समय के साथ चलें
समय के बारे में यह कहावत प्रचलित है कि समय सबसे बलवान होता है। समय सूचक यंत्र घड़ी का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है और इसीलिए घड़ी का वास्तुशास्त्र से भी बहुत गहरा संबंध है। अत: घर के भीतर घड़ियों को हमेशा वास्तु केअनुकूल दिशा में रखना चाहिए। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
समय के बारे में यह कहावत प्रचलित है कि समय सबसे बलवान होता है। समय सूचक यंत्र घड़ी का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है और इसीलिए घड़ी का वास्तुशास्त्र से भी बहुत गहरा संबंध है। अत: घर के भीतर घड़ियों को हमेशा वास्तु केअनुकूल दिशा में रखना चाहिए। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा हमें समय की कीमत पहचानने व वक्त के साथ चलने की नसीहत देते है। जो समय से पिछड़ जाता है वह अपने जीवन में कुछ खास हासिल नहीं कर पाता।
समय की गणना या समय को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न उपकरणों को मनुष्य ने आदिकाल से अपनाया है। पहले सूर्य की स्थिति के अनुसार या फिर धूप की परछाई देखकर समय का अनुमान लगाया जाता था। टाइम मशीन, सन डायल, जंतर-मंतर आदि सभी कुछ पुराने जमाने में समय की गणना करने वाले विभिन्न यंत्रों के उदाहरण है। अति प्राचीन वैदिक विज्ञान में भी समय प्रदर्शित करने वाले विभिन्न उपकरणों की दिशा का वर्णन किया गया है। इसलिए यह स्वयंसिद्ध है कि यदिं आप घड़ी का सकारात्मक ढंग से प्रयोग करे तो हर बार समय देखते समय आपको सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होगी। एक लंबे समय तक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अर्थ होगा सही समय पर पूरे परिवार का सही विकास।
अगर आप अपने घर में घड़ी जैसी समय सूचक वस्तु को व्यवस्थित करते समय वास्तुशास्त्र के इन सिद्धांतों का ध्यान रखेंगी तो यह आपके परिवार के लिए निश्चित रूप से फायदेमंद साबित होगा :
1. घड़ी को दीवार पर लगाने के लिए उलर, पूर्व एवं पश्चिम दिशा का ही चुनाव करे। कभी भी दक्षिण दिशा की दीवार पर घड़ी न लगाएं। यदि घड़ी दक्षिण दिशा की दीवार पर लगी होगी तो कार्य प्रारंभ करने से पहले व दिन में कई बार आपका ध्यान दक्षिण दिशा की ओर जाएगा। इस तरह आप बार-बार दक्षिण दिशा की ओर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा ही प्राप्त करती रहेगी।
2. घड़ियों के प्रयोग में एक दूसरी विशेष सावधानी यह भी रखनी चाहिए कि किसी भी तरह की घड़ी चाहे वह टाइम पीस हो या फिर दीवार घड़ी इन्हें रात को सोते समय सिरहाने से थोड़ी दूरी पर ही रखें, क्योंकि रात के सन्नाटे में घड़ी की टिक-टिक से नींद में विघ्न पड़ेगा। साथ ही आजकल घड़ियां प्राय: इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत पर कार्य करती है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जो इलेक्ट्रो-मैग्नेनिटक रेडिएशन निकलते है वे मस्तिष्क व हृदय के आसपास एक नकारात्मक ऊर्जा क्षेत्र बना देते हैं। इसके प्रभाव में सोना या लेटना आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
3.यह ध्यान रखें कि घड़ी कभी भी किसी दरवाजे के ऊपर न हो क्योंकि हर बार दरवाजे से अंदर बाहर आते-जाते समय आपका आभामंडल इससे दुष्प्रभावित होगा। परिणामस्वरूप आप तनावग्रस्त हो सकते है। यहां तक कि ऐसे दरवाजे से बाहर निकलने के बाद भी मन खिन्न रहेगा।
4. इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि घर में मौजूद सभी घड़ियां सही ढंग से चलती रहे। कोई भी घड़ी बंद नहीं होनी चाहिए।
5. यह भी याद रखें कि कोई भी घड़ी अपने समय से पीछे न चले। हो सके तो अपनी घड़ी को सही समय से पांच-दस मिनट आगे ही रखें क्योंकि वक्त के साथ चलने में ही जीवन की गति, उन्नति व विकास का रहस्य छिपा है।
6. खराब घड़ी को शीघ्र ही ठीक करवाएं एवं बैटरी खराब होने पर उसे बदलवाती रहे।
7. आजकल कुछ घड़ियां हर एक घंटे के बाद संगीत या मधुर ध्वनियां उत्पन्न करती है। ऐसी घड़ियों को घर के ब्रह्म स्थान स्थित लॉबी में लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है व परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में उन्नति के नए अवसर प्राप्त होते है।
8. दीवार घड़ी पर धूल-मिट्टी जमा न होने दें। नियमित रूप से उसकी सफाई करती रहे।
9. यह ध्यान रखें कि किसी भी घड़ी का शीशा टूटा हुआ न हो। ऐसी टूटी हुई घड़ी को बदल देना चाहिए क्योंकि इसका परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
10. सिर्फ घड़ी ही नहीं, बल्कि कैलेंडर जैसी समय सूचक वस्तु के संबंध में भी आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कैलेंडर फटा हुआ न हो, उस पर कोई अश्लील या हिंसक चित्र भी नहीं होना चाहिए। हर महीने कैलेंडरकी तारीख बदलती रहे और पुराना होते ही उसे हटा दें।
जागरण सखी
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