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हनुमान की तरह करें प्रभु भक्ति का रसपान

संवाद सूत्र, थानाकलां : श्री संकट मोचन सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित श्री रामायण कथा में सोमवार को श्र

By Edited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 01:06 AM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 01:06 AM (IST)
हनुमान की तरह करें प्रभु भक्ति का रसपान

संवाद सूत्र, थानाकलां : श्री संकट मोचन सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित श्री रामायण कथा में सोमवार को श्रीराम और शबरी की अपार भक्ति का वर्णन किया गया। श्रीराम व शबरी की भक्ति का वर्णन करते हुए कथावाचक आचार्य शिव शास्त्री ने कि भक्त को प्रभु भक्ति का रसपान हनुमान की तरह करना चाहिए। कि¨ष्कधा पर्वत पर भक्त व भगवान के मिलन के बारे में विस्तार से बताया। सत्संग के माध्यम से भक्त को प्रभु भक्ति का रसपान करना चाहिए। इसलिए सत्संग में बैठकर हमें अपने लोभ तथा संसारिक भोगों को त्याग कर सत्संग का में बाले शब्दों पर ध्यान को केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कथा में अशोक वाटिका, हनुमान द्वारा लंका का दहन, रावण के मरणोपरांत श्रीराम का राज्याभिषेक आदि कई संवादों का वर्णन किया। इसके अलावा रामचरित मानस कथा का विश्राम तथा पूर्णाहुति डाली गई। इस अवसर पर स्वामी ज्ञान गिरी जी महाराज, रमेश शास्त्री, पुष्पेंद्र, रामपाल वशिष्ठ, रामनाथ शर्मा, लाला किशन दास, जसमेर ¨सह, मनोज, दवेंद्र चौहान, रमेश वशिष्ठ, बलवंत वर्मा, रोशन लाल, प्रेम पाल, अजय, विकास आंगरा, संजीव ठाकुर, राम स्वरूप, केपी शर्मा, जितेंद्र ठाकुर सहित कई गण्यमान्य मौजूद रहे।


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