सैलरी अकाउंट खुलवाने चंडीगढ़ जाएंगे नप अध्यक्ष
2011 में नगर परिषद ने जमा नहीं करवाया था कर्मचारियों का पीएफ पेनल्टी जमा न करवाने पर ईपीएफ विभाग न
2011 में नगर परिषद ने जमा नहीं करवाया था कर्मचारियों का पीएफ
पेनल्टी जमा न करवाने पर ईपीएफ विभाग ने सीज किया है अकाउंट
कर्मचारियों को इस माह का वेतन मिलना मुश्किल
जागरण संवाददाता, ऊना : नगर परिषद को संकट से निकालने के लिए अध्यक्ष बाबा अमरजोत ¨सह बेदी कमान संभालेंगे। सैलरी अकाउंट सीज होने पर कर्मचारियों को इस माह का वेतन मिलना मुश्किल हो गया है। ईपीएफ विभाग की इस कार्रवाई से बचने के लिए अध्यक्ष चंडीगढ़ जाएंगे। यहां पर विभागीय अधिकारियों से मिलकर इसका समाधान निकालेंगे। बुधवार को इस मसले पर बैठक होने जा रही है। उम्मीद है कि इसमें समाधान जरूर निकलेगा।
ईपीएफ विभाग ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक को नोटिस जारी किया था। इसमें नगर परिषद के सैलरी अकाउंट को सीज करने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद से नगर परिषद के पैसे पर रोक लग गई है। नगर परिषद प्रबंधन ने इसके लिए प्रयास तो किए पर ईपीएफ विभाग ने इसे अनदेखा कर दिया है। बुधवार को होने वाली बैठक में क्या नतीजा निकलता है इसकी तरफ नगर परिषद का ध्यान होगा। नगर परिषद ऊना में 35 कर्मचारी तैनात हैं। इनके वेतन का निर्धारण नहीं हो सका है।
ईपीएफ विभाग ने पांच साल पुराने मामले में कार्रवाई की है। 2011 में नगर परिषद ने अपने कर्मचारियों की पीएफ राशि जमा नहीं करवाई थी। इस पर ईपीएफ विभाग ने नगर परिषद को 16 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई थी। लेकिन नगर परिषद ने इसे चुकता नहीं किया। अब ईपीएफ विभाग ने बैंक में सैलरी अकाउंट सीज कर दिया।
नगर परिषद अध्यक्ष बाबा अमरजोत ¨सह बेदी ने कहा कि यह मामला काफी पुराना है। वर्तमान कार्यकारिणी को इसकी जानकारी न होने से दिक्कत हुई। नगर परिषद इसके समाधान को लेकर प्रयासरत है। उम्मीद है कि ईपीएफ विभाग के उच्चाधिकारियों से चर्चा करने के बाद समाधान निकलेगा।
आमदनी कम, खर्चा ज्यादा
नगर परिषद के लिए सबसे बड़ा संकट आमदनी को लेकर हैं। क्योंकि उसकी सालाना आय करीब 90 लाख बनती है और खर्च लगभग दो करोड़ रुपये है। ऐसे में पहले के खर्चों को पूरा कर पाना नगर परिषद के वश की बात नहीं है। नए आर्थिक संकटों से पार पाना बड़ी चुनौती है।