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पंजाब के कनेक्शन धारक भी सहमे

जागरण संवाददाता, (मलूकपुर) ऊना : सीमावर्ती गांवों में अवैध विद्युत कनेक्शनों के नाम पर कुछ किसानों प

By Edited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 01:01 AM (IST)
पंजाब के कनेक्शन धारक भी सहमे

जागरण संवाददाता, (मलूकपुर) ऊना : सीमावर्ती गांवों में अवैध विद्युत कनेक्शनों के नाम पर कुछ किसानों पर हुई कार्रवाई से बल उनके माथे पर भी पड़ गए हैं, जिन्होंने पंजाब से विद्युत कनेक्शन लिए हैं। उन्हें भी पंजाब सरकार की ओर से कार्रवाई का डर सताने लगा है। अगर ऐसा हुआ तो किसान बहुत बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं। किसानों का मानना है कि आजकल गेहूं की ¨सचाई का समय चल रहा है। ऐसे में अगर उन पर भी कार्रवाई हुई तो उनका काफी नुकसान होगा।

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पंजाब सीमा से सटे बीणेवाल, सनोली, मजारा व मलूकपुर के बा¨शदों का कृषि ही मुख्य आय का साधन है। गेहूं, मक्की और धान से लोग सालभर पैसे और रोजी-रोटी का जुगाड़ करते हैं, लेकिन अगर खेतों को सींचने का साधन छिन गया तो खाने के भी लाले पड़ जाएंगे।

जिले के सीमावर्ती गांवों बीणेवाल, सनोली, मजारा व मलूकपुर में विजिलेंस अवैध कनेक्शनों की जांच कर रही है। मामले के मुताबिक हिमाचल की बिजली का इस्तेमाल पंजाब में किया जा रहा है। इस मामले के उछलने के बाद बिजली विभाग ने वहां कुछ चु¨नदा किसानों के ट्यूबवेल के कनेक्शन काट दिए हैं। इससे उन किसानों में भी हड़कंप मंच गया है जिन्होंने जुगाड़ तंत्र से पंजाब से ट्यूबवेल के लिए बिजली के कनेक्शन लिए हैं। इन किसानों की दिक्कत यह है कि उनकी सिर्फ खेतीहर भूमि पंजाब में है, जबकि वे हिमाचल के स्थायी निवासी हैं। अब जब हिमाचल सरकार ही उनके कनेक्शनों को काट रही है तो पंजाब सरकार भी उन लोगों पर कार्रवाई कर सकती है जिन्होंने वहां से कनेक्शन ले रखे हैं। ऐसे करीब छह-सात किसान हैं।

बिजली बोर्ड ने बीणेवाल, सनोली, मजारा व मलूकपुर में सरवण ¨सह, जो¨गद्र ¨सह, अर्जुन ¨सह, प्रीतम ¨सह व गुरनाम ¨सह इत्यादि के ट्यूबवेल कनेक्शन बिजली बोर्ड ने इसलिए काट दिए हैं क्योंकि वे पंजाब में उनकी भूमि पर लगे थे। विभाग की इस कार्रवाई से बाकी के किसान भी सहमे हुए हैं। इस संबंध में हाल ही में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल एडीएम राजेश मारिया से भी मिला था। उन्होंने गुहार लगाई थी कि या तो सरकार उन्हें पंजाब से कनेक्शन दिलाने की व्यवस्था करे, अन्यथा जो कनेक्शन चल रहे हैं उन्हें यथावत रखा जाए।

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'जब हिमाचल सरकार ही अपने बा¨शदों का साथ नहीं दे रही है तो डर कुछ उन लोगों को भी सता रहा है, जिन्होंने पंजाब से कनेक्शन लिए हैं। पांच-सात किसानों ने जैसे-तैसे वहां से कनेक्शन लिए हैं। हिमाचल में तो किसान बिजली का बिल अदा करते थे, लेकिन पंजाब में तो किसानों के लिए बिजली मुफ्त है। हिमाचल के किसानों से पंजाब को कोई फायदा नहीं मिल रहा। वहां जमीन में जो भी फसल उगती है वह हिमाचल में आती है। हिमाचल सरकार सीमावर्ती गांवों में किसानों के विद्युत कनेक्शन न काटे या फिर पंजाब सरकार से बात करके वहां से कनेक्शन दिलाए।'

- गुरचरण ¨सह, नंबरदार मलूकपुर।


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