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बनारस के विद्वानों ने करवाई विशेष पूजा

जागरण संवाददाता, ऊना : डेरा बाबा रुद्रानंद आश्रम नारी में पंचभीष्म पर्व पर चल रहा कोटि गायत्री महायज

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 08:40 PM (IST)
बनारस के विद्वानों ने करवाई विशेष पूजा

जागरण संवाददाता, ऊना : डेरा बाबा रुद्रानंद आश्रम नारी में पंचभीष्म पर्व पर चल रहा कोटि गायत्री महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। बुधवार को अंतिम दिन आश्रम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड धूने पर शीश नवाया और डेरा के अधिष्ठाता एवं वेदांताचार्य श्रीश्री 1008 सुग्रीवानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं, बनारस से आए विद्वानों ने सुबह यज्ञशाला में विशेष पूजा करवाई। दोपहर साढ़े 12 बजे वेदांताचार्य सुग्रीवानंद महाराज यज्ञशाला में आए। उन पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा की। पूजा के बाद सुग्रीवानंद महाराज की अगुवाई में दोपहर एक बजे कोटि गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति डाली गई। इसमें तिलकराज शास्त्री, प्रो. इंद्रदत्त उनियाल, एनआरआई एवं प्रमुख समाजसेवी राजेश शर्मा, उद्योगपति ठा. कुशल ¨सह, दीपक जैन, अश्विनी जैन, बाबा रुद्रानंद सेवक मंडल चंडीगढ़ के प्रधान एसडी शर्मा, दिल्ली मंडल के प्रधान मंगल दास, शिमला मंडल के अर¨वद शर्मा, सलोह मंडल के रमन शर्मा, शशि पुरी, अशोक ठाकुर, मुनीष शर्मा, ऊना मंडल के अजय जगोता, जेपी शर्मा, गुरदास राम, संजय शुक्ला, अंब मंडल के एडवोकेट अश्विनी अरोड़ा, मलकीयत ¨सह, प्रो. शिव कुमार शर्मा, अनिल शर्मा, संजीव भारद्वाज, निरंजन शास्त्री, डॉ. नरेश शर्मा, धर्मपाल शर्मा, राहुल शर्मा, रजनीश शर्मा, योगेश्वर पाठक, नवीन शर्मा, आरडी अग्रिहोत्री सहित अन्य ने हिस्सा लिया।

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यज्ञशाला में पूर्णाहुति के वक्त काफी तदाद में श्रद्धालु उपस्थित थे। आश्रम में बुधवार सुबह पांच बजे से श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी। आश्रम परिसर चारों तरफ खचाखच भरा हुआ था। इस बीच अखंड धूने पर माथा टेकने के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें लगी हुई थीं। सुग्रीवानंद महाराज यज्ञशाला में पूर्णाहुति के बाद थोड़ी देर के लिए अखंड धूने पर पधारे। बाद में सुग्रीवानंद महाराज के शिष्य आचार्य हेमानंद धूने पर विराजमान हुए। शाम को सुग्रीवानंद महाराज फिर से धूने पर विराजमान हुए। धूने पर देरशाम तक माथा टेकने का क्रम जारी रहा। अंतिम दिन वृंदावन से आए कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का सुंदर मंचन करके श्रद्धालुओं को निहाल किया। आश्रम के सदाव्रत लंगर में विशेष व्यवस्था की गई थी। पंचभीष्म के दिन एक लाख श्रद्धालुओं ने लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। सैकड़ों अनुयायियों ने लंगर की सेवा में सहयोग किया। संस्कृत विद्यापीठ के विद्यार्थी भी व्यवस्था बनाने में सक्रिय रहे। महायज्ञ में भूतपूर्व सैनिक संगठन और सेवादारों ने व्यवस्था का जिम्मा संभाले रखा। नौ दिवसीय कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों और सेवादारों का दल पूरी तरह सक्रिय रहा। टै्रफिक व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए सेवादारों ने अपनी ड्यूटी निभाई। छोटे और बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग पाíकंग बनाई गई थी। बाबा रुद्रानंद सेवक मंडल होशियारपुर, जालंधर व टक्का ने श्रद्धालुओं के लिए अल्पहार की सेवा करवाई।

आश्रम के प्रवक्ता तिलकराज शास्त्री ने बताया कि नौ दिवसीय वाíषक कार्यक्रम में आश्रम में चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अखंड धूने पर माथा टेका तथा सुग्रीवानंद महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके अलावा श्रीमद्भागवत कथा व रासलीला का रसपान किया।


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