दो माह बाद जाल में फंसी महज पांच क्विंटल मछली
संवाद सूत्र, बंगाणा : उपमंडल बंगाणा के गो¨वद सागर झील में दो माह के मछली प्रतिबंध के बाबजूद पहली अगस
संवाद सूत्र, बंगाणा : उपमंडल बंगाणा के गो¨वद सागर झील में दो माह के मछली प्रतिबंध के बाबजूद पहली अगस्त को केवल मात्र पांच क्विंटल ही मछली निकल पाई। इससे मछुआरों में काफी मायूस हैं। पिछले वर्ष दो माह के प्रतिबंध के बाद टनों के हिसाब से मछली निकली गई थी, लेकिन इस वर्ष पांच क्विंटल मछली निकलने सब हैरान हैं। लठियाणी के गो¨वद सागर झील में करीब तीस मछुआरे जाल लगाकर मछली पकड़ने का काम करते हैं। अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में यह मछुआरे मोटी कमाई करते थे। लेकिन इस वर्ष दो माह के प्र¨तबंध के बाद मात्र पांच क्विंटल मछली निकलना सबको हैरान कर रहा है।
मछुआरों की माने तो गो¨वद सागर झील में पानी का बहाब भी अच्छा है। झील में मछली का उत्पादन भी अच्छा हुआ है। लेकिन पता नहीं किन कारणों से दो माह के बाद मात्र पांच क्विंटल ही मछली जाल में फंस पाई है। बंगाणा के कई मछुआरे इस धंधे ही अपने व अपने परिवार का निर्वाह करते हैं। मछ़ुआरों का कहना है। कि बरसात के दिनों में सरकार द्वारा दो माह के प्रतिबंध पर हम सभी मछ़ुआरे अपनी-अपनी नई नाव बनाते हैं और हजारों रुपये कर्जा लेक दो माह के प्रतिबंध के बाद गो¨वद सागर झील में जाल लगाने के लिए जाते हैं, लेकिन इस बार हमारी सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
मत्स्य अधिकारी सुरेंद्र पटियाल का कहना है कि करीब बीस दिन से लगातार बारिश हो रही है और ऐसे में कई बार मछली झील की निचली परत में रहती है। मछुआरों के जाल तक नहीं पहुंच पाती। कई बार दो माह के प्रतिबंध के बाद तीसरे या चौथे दिन ही मछली भारी मात्रा में मछुआरों के जाल में आती हैं।