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व्यापारिक संभावना तलाशें सहकारी सभाएं बनें सक्षम : उपायुक्त

विपणन सुविधाओं की कमी दूर करने के लिए सक्षम होना जरूरी फोटो समाचार जागरण संवाददाता, ऊना: विपणन स

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 09:37 PM (IST)
व्यापारिक संभावना तलाशें सहकारी सभाएं बनें सक्षम : उपायुक्त

विपणन सुविधाओं की कमी दूर करने के लिए सक्षम होना जरूरी

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फोटो समाचार

जागरण संवाददाता, ऊना: विपणन सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए सहकारी सभाएं सक्षम भूमिका अदा कर सकती है, जिसके सहकारी सभाओं को अपने व्यापार में विविधता लाकर नई व्यापारिक संभावनाओं की तलाश करनी चाहिए। यह बात उपायुक्त ऊना अभिषेक जैन ने वीरवार को प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभा की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिला ऊना में सहकारी सभाएं संतोषजनक कार्य कर रही है, लेकिन वर्तमान और भविष्य में व्यापारिक क्षेत्र में अन्य संभावनाओं को मद्देनजर रखकर इन्हे और मजबूत करने के लिए प्रयासरत रहना आवश्यक है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आर्थिक सहयोग देकर कृषि विकास को बढ़ावा देने, नकदी व लाभदायक फसलों जैसे फल-सब्जियों का उत्पादन के लिए प्रेरित करने के लिए सहकारी सभाओं को अपना सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रमुखता से आगे आना आवश्यक है।

उपायुक्त ने निर्देश दिए कि प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं की क्षमता की पहचान करके इन्हे बहुउद्देश्यीय सहकारी सभाओं के रूप में विकसित करने पर बल दिया जाए। इसके अतिरिक्त सहकारी सभाएं अपने कार्यक्षेत्र में विविधता लाकर नये उद्यमों को शामिल करके व्यापार की नई संभावनाएं शामिल करके लाभाश में वृद्धि करें तथा इसमें सहकारिता विभाग, जिला व राज्य सहकारी बैंक भी अपनी सकारात्मक भूमिका सुनिश्चित करे। इसके अलावा सहकारी बैंक ऋण प्रक्रिया का भी सरलीकरण करें ताकि किसान आसानी से ऋण हासिल कर सकें।

उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला के विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर, कार्यशाला व जागरूकता शिविर आयोजित किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को सहकारी सभाओं से जोड़कर लाभान्वित किया जा सके। शिविरों में बुक कीपिंग, रिकॉर्ड का रखरखाव के अलावा उत्पादन से संबंधित जानकारिया दी जाएं।

उपायुक्त ने बताया कि ऊना जिला में वर्तमान में कुल 366 सहकारी सभाएं कार्यशील है, जिनमें 218 कृषि सेवा सहकारी सभाएं, 25 ऋण एवं बचत, 3 महिला बचत एवं ऋण, 23 दुग्ध उत्पादक, 49 भू-संरक्षण, 27 गैर कृषक सहकारी संस्थाएं, 4 मत्स्य, 9 औद्योगिक सहकारी सभाएं, 8 गृह निर्माण सहकारी सभाएं, 8 परिवहन तथा 19 अन्य विभिन्न प्रकार की सभाएं शामिल हैं। इन सहकारी सभाओं की कुल सदस्यता 2 लाख 10 हजार 511 है। वर्तमान में जिला की विभिन्न सहकारी सभाओं के अंतर्गत 1030 करोड़ जमा राशि सहित 1091 करोड़ कार्यशील पूंजी है। जबकि 71 करोड़ 40 लाख रुपये के ऋण दिए गए है, जिसमें अब तक 54 करोड़ 4 लाख रुपये की राशि वसूल हो चुकी है।

बैठक में निदेशक हिमफैड राजेंद्र शर्मा, नाबार्ड के डीडीएम विवेक पठानिया, केसीसी बैंक के एजीएम अशोक पुरी, डीडीएच एमएस राणा, जिला खाद्य नियंत्रक लक्ष्मण सिंह कनेत, सहकारी सभा अध्यक्ष विजय शर्मा व एसएस कंवर, विभिन्न सहकारी सभाओं के सचिव व समिति अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।


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