वित्तीय अनियमितताओं में घिरे पूर्व प्रधान पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा
जागरण संवाददाता, ऊना : जिले की चड़तगढ़ ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान और तत्कालीन सचिव के खिलाफ कार्रव
जागरण संवाददाता, ऊना : जिले की चड़तगढ़ ग्राम पंचायत में पूर्व प्रधान और तत्कालीन सचिव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला पंचायत अधिकारी पर दबाव बनने लगा है। इस मामले में हुई जांच के बाद आरोपियों पर सरकारी धन के निजी कार्य के लिए इस्तेमाल किए जाने और जुर्माना राशि न भरे जाने पर जिला परिषद उपाध्यक्ष ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले में जिला पंचायत अधिकारी से जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।
चड़तगढ़ ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। इन पर लगभग एक लाख रुपये का गबन किए जाने का मामला उजागर हुआ है। उल्लेखनीय है कि चढ़तगढ़ पंचायत सहित दो अन्य पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं के होने की शिकायतें मिलने के बाद जिला परिषद उपाध्यक्ष द्वारा नौ जुलाई 2014 को छापामारी करते हुए इन तीन पंचायतों का रिकॉर्ड जब्त किया गया। जिसको डीपीओ ऊना के पास जमा करवाया गया था। दस्तावेजों को खंगालने के बाद चड़तगढ़ पंचायत में एक लाख रुपये की गबन किए जाने की बातें सामने आ रही है। इस मामले में पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव पर एक लाख रुपये सरकारी खाते से निकालकर लगभग पाच साल तक अपने पास रखने का आरोप लग रहे हैं। ये भी पाया जा रहा है कि जब पंचायत का ऑडिट हुआ और एक लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई, तो पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव ने पचास-पचास हजार रुपये पंचायत में जमा करवाए। जिसकी बकायदा रसीदें भी कटी हैं।
उल्लेखनीय है कि एक लाख रुपये पंचायत घर चड़तगढ़ के भवन के अपग्रेशन के लिए जिला पंचायत अधिकारी ऊना द्वारा जारी किया गया था, जिसको खाते से तत्कालीन प्रधान व सचिव ने निकाला, लेकिन उसका प्रयोग भवन की अपग्रेशन के लिए नहीं किया गया। उक्त राशि दोनों ने मिलीभगत कर अपने निजी इस्तेमाल में प्रयोग कर ली गई। खुलासा हो रहा है कि पूरे पाच साल तक इस राशि का दुरुपयोग किया गया। जब जाच हुई, तो इस मामले में जुर्माना व ब्याज सहित एक लाख 2191 रुपये की वसूली अभी भी पैंडिंग है। उक्त राशि को आरोपियों द्वारा नहीं भरा गया है। उक्त मामले में जिला परिषद उपाध्यक्ष अवतार सिंह का कहना है कि चड़तगढ़ पंचायत के पूर्व प्रधान व पूर्व सचिव पर एक लाख रुपये गबन करने की बातें सामने आ रही हैं। इस मामले में पंचायत अधिकारी से माग की जाए कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पुलिस में दर्ज करवाया जाए।