दस महीने बाद भी शुरू नहीं हुआ काम
संवाद सहयोगी, गगरेट : जनता को विकास के सपने दिखाकर वाहवाही लूटने वाले नेता अगर हकीकत में विकास कार्य
संवाद सहयोगी, गगरेट : जनता को विकास के सपने दिखाकर वाहवाही लूटने वाले नेता अगर हकीकत में विकास कार्यो को अमलीजामा पहनाने के लिए संजीदा हों तो प्रदेश की तस्वीर बदलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। अगर विकास कार्यो के फंट्टे टांग कर फर्ज से इतिश्री कर ली जाए तो विकास योजनाएं धरातल पर लागू होने से रहीं। ऐसा ही एक शिलान्यास करीब 10 माह से गगरेट कस्बे की जनता को मुंह चिढ़ाता प्रतीत हो रहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास को मूर्तरूप लेने में यदि 10 माह लग जाएं तो प्रदेश में विकास कार्य गति कैसे पकड़ पाएंगे? मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा करीब 10 महीने पहले गगरेट कस्बे की जनता को मल निकासी योजना का दिखाया गया सपना अभी फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया है। गगरेट कस्बे को मल निकासी योजना देने का सपना काफी लंबे समय से दिखाया जा रहा है। पूर्व भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल में भी इस योजना को मूर्तरूप देने का सपना दिखाया गया और बड़ी घोषणाएं भी हुई। उस समय इस योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया। इस साल तीन जनवरी को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह गगरेट क्षेत्र के दौरे पर आए। उन्होंने गगरेट कस्बे में करीब पौने चौदह करोड़ रुपये की मल निकासी योजना का शिलान्यास किया। न तो उस समय इस योजना के लिए भूमि का चयन हो पाया था और न ही टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा सकी थी। यही वजह रही कि मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के लिए किए गए शिलान्यास का काम शुरू नहीं हो पाया है। अहम बात यह है कि 10 माह का समय बीत जाने के बाद भी इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए अभी तक टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई है। जाहिर है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना का शिलान्यास करवाने के बाद विभाग ने भी इसे अमलीजामा पहनाने के लिए सुस्त रफ्तार पकड़ ली। इस योजना का कार्य कब शुरू होगा, इसका समय भी अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। मल निकासी योजना पर करीब पौने चौदह करोड़ रुपये खर्च कर कस्बे के 677 घरों को इस योजना के साथ जोड़ा जाना था। इससे 4236 लोग लाभान्वित होने थे। क ांग्रेस नेता पंडित राम लुभाया व राज ठाकुर ने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि मल निकासी योजना का कार्य शीघ्र आरंभ किया जाए।
आमंत्रित किए जा रहे टेंडर
योजना के लिए शीघ्र टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके बाद युद्धस्तर पर कार्य करवाया जाएगा।
एचएस जस्सल, सहायक अभियंता, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग