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दूध की गुणवत्ता से समझौता

जागरण संवाददाता, ऊना : आप दूध से बनी मिठाई खरीदने जा रहे हैं तो ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अगर ऐ

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 01:03 AM (IST)
दूध की गुणवत्ता से समझौता

जागरण संवाददाता, ऊना : आप दूध से बनी मिठाई खरीदने जा रहे हैं तो ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं किया तो न जाने आप दूध समझकर किस पदार्थ को धोखे में खरीद लेंगे।

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जिला मुख्यालय ऊना में दूध की खपत तो तीन टन तक थी लेकिन एक सप्ताह से करीब पांच से सात टन दूध शहर में पहुंच रहा है। हैरानी की बात यह है कि न तो अचानक अधिक डेयरी फार्म खुल गए हैं और न ही कोई दूध बनाने की फैक्टरी शुरू हुई है लेकिन दुकानदारों के पास मांग के मुताबिक दूध उपलब्ध हो रहा है। अचानक दो से तीन गुणा दूध कहां से आ रहा है, इसे लेकर दुकानदारों को भी अधिक जानकारी नहीं है। दैनिक जागरण ने अभियान के तहत जब इस मामले की तह तक जाने का प्रयास किया तो यह पाया कि त्योहारी सीजन में कमाई की आड़ में दुकानदार दूध मिलने की शर्त पर गुणवत्ता से भी समझौता करने से तैयार थे। जो दूध 40 से 45 रुपये लीटर मिल रहा है, वह कैसे दुकानदारों को पंजाब व हरियाणा से यहां 35 से 40 रुपये लीटर पहुंच रहा है, यह सवाल अहम है। जिला ऊना में कमाई की आड़ में दूध की गुणवत्ता को दुकानदार भूल गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कार्रवाई की है लेकिन यह कार्रवाई भी कोई विशेष असर नहीं छोड़ पाई है। हिमाचल की सीमा के पार पंजाब से कई वाहनों में दूध यहां पहुंच रहा है। यह दूध कहां बनाया जा रहा है, इसकी शायद दुकानदारों को भी जानकारी नहीं है। जिले में मिलावटी दूध के सौदागर त्योहारों के सीजन में ही दस्तक देते हैं। रोजाना कुछ दूध विक्रेता आपूर्ति नहीं बढ़ाते लेकिन पंजाब व हरियाणा से कई व्यापारी महज ऐसे दूध की डिमांड लेकर उसे दुकानदारों तक पहुंचाते हैं। त्योहारों के सीजन में करीब दो से तीन गुणा अधिक दूध की आपूर्ति कराने वाले व्यापारी दूध की गारंटी भी नहीं लेते हैं। करीब 35 से 40 रुपये प्रति लीटर दूध दुकानदारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यह दूध हरियाणा और पंजाब की डेयरी फार्म का बताकर दुकानदारों तक पहुंचाया जाता है। इसकी सप्लाई अब छोटे-छोटे कस्बों तक भी पहुंच रही है।

क्या है दूध में खराबी

छानबीन में पता चला कि त्योहारी सीजन में मिल रहा दूध सामान्य दूध से काफी अलग है। इसमें पीला पदार्थ तैरता है। इसमें सामान्य से कहीं अधिक मावा प्रति लीटर से तैयार होता है। कई दुकानदारों ने स्वीकार किया है कि हरियाणा व पंजाब से त्योहारी सीजन के समय आ रहे दूध से बनने वाला मावा व मिठाई आम दूध से डेढ़ गुणा अधिक मात्रा में तैयार हो रही है। एक प्रमुख कारखाने के हलवाई के मुताबिक आजकल मिलावटी दूध आ रहा है। इसकी पहचान आसानी से होती है लेकिन दुकानदार अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।

क्या है पहचान

1. इस दूध का रंग सफेद न होकर पीला होता है।

2 सिंघाड़ा का आटा मिक्स कर इस दूध को तैयार किया जाता है।

3 दूध को गर्म करने पर पतीले की सतह में एक परत जम जाती है।

4. थोड़ी देर गर्म करने पर दूध पर बहुत मोटी सतह मलाई होती है।

5 दूध को फ्रीजर में रखने पर भी इससे बनी मिठाई तीन से चार दिन के बाद खराब हो जाती है।

6 दूध बनाने के लिए इसमें हल्की चीनी का इस्तेमाल किया जाता है।

रखी जा रही नजर

दूध विक्रेताओं पर नजर रखी जा रही है। विभाग सख्ती से पेश आ रहा है। प्रमुख दुकानदारों पर अधिक नजर रखी जा रही है।

जगदीश धीमान, जिला खाद्य निरीक्षक


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