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आज फिर फोटोस्टेट कर बांटे प्रश्नपत्र

जागरण संवाददाता, सोलन : बोर्ड की परीक्षाओं में प्रश्नपत्र कम मिलने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 12:58 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 12:58 AM (IST)
आज फिर फोटोस्टेट कर बांटे प्रश्नपत्र

जागरण संवाददाता, सोलन : बोर्ड की परीक्षाओं में प्रश्नपत्र कम मिलने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। सोलन जिला के 127 स्कूलों में आठवीं की वार्षिक परीक्षाओं के तहत संस्कृत का पेपर था और पता चला है कि कई स्कूलों में इस विषय के प्रश्नपत्र भी कम आए हैं। इसके चलते स्कूल प्रबंधन ने फिर से इन्हें फोटोस्टेट करवाकर छात्रों को वितरित किया और परीक्षा पूर्ण करवाई गई। सोमवार को आठवीं कक्षा के पहले पेपर में सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र भी कम आए थे, जिस मुद्दे को 'दैनिक जागरण' ने प्रमुखता से उठाया था।

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खैर चूक हो गई, लेकिन जब यही विभागीय गैर जिम्मेदारी, बच्चों की परीक्षाओं पर भारी पड़ जाए और फिर भी संबंधित कोई इसे मानने को तैयार नहीं तो सरकारी अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही आठवीं की परीक्षाओं में कम प्रश्नपत्र आने को लेकर स्कूलों, शिक्षा विभाग और बोर्ड के बीच हो रहा है, जहां कोई भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं और एक-दूसरे पर दोषारोपण किया जा रहा है। आठवीं के प्रश्नपत्र कम आने को लेकर बोर्ड अधिकारियों का साफ कहना है कि उन्हें स्कूलों से ही डिमांड कम आई थी, बावजूद इसके भी उनकी ओर से दस फीसद अधिक भेजे गए। दूसरी तरफ सोलन के शिक्षा उपनिदेशक कह रहे हैं कि सभी स्कूलों से बोर्ड को आनलाइन डिमांड भेजी गई थी। ऐसे में चूक कहीं भी हुई हो लेकिन इस सबमें बच्चों के समय की बर्बादी और वार्षिक परीक्षाओं की गोपनीयता पर सवाल अवश्य खड़े हुए हैं।

इस संबंध में स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से कहा जा रहा है कि सोलन जिले से केवल 17 स्कूलों की ही ऑनलाइन डिमांड उनके पास आई थी। बावजूद इसके उनकी ओर से सभी स्कूलों के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर भी दस फीसद अधिक प्रश्नपत्र भेजे गए। उधर, सोलन के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक डॉ. चंद्रेश्वर शर्मा का कहना है कि सभी स्कूलों ने आनलाइन डिमांड भेजी थी, जिनमें से कई की प्रति उन्हें भी आई।

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खबर का असर : सोलन जिला के शीतकालीन स्कूलों में आठवीं की परीक्षाओं में प्रश्नपत्र कम आने का मामला 'दैनिक जागरण' ने प्रमुखता से उठाया था और इसे लेकर शिक्षा बोर्ड के सचिव से भी बात की गई। हालांकि इससे आठवीं के प्रश्नपत्र तो पूरे नहीं हुए, लेकिन नौवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं के लिए जो वोकेशनल ट्रेनिंग के प्रश्नपत्र आए ही नहीं थे, वह जरुर स्कूलों में पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक सोमवार रात ही जिला के अधिकारियों को इस बाबत सूचित किया गया कि शिमला से वोकेशनल ट्रेनिंग के प्रश्नपत्र उठवा लें।


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