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सरकारी डॉक्टर बनने के इच्छुक नहीं एमबीबीएस

रविंद्र शर्मा, सोलन अब शायद कोई भी युवा एमबीबीएस डाक्टर प्रदेश के अस्पतालों में नौकरी की चाह नहीं

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 07:06 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 07:06 PM (IST)
सरकारी डॉक्टर बनने के इच्छुक नहीं एमबीबीएस

रविंद्र शर्मा, सोलन

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अब शायद कोई भी युवा एमबीबीएस डाक्टर प्रदेश के अस्पतालों में नौकरी की चाह नहीं रख रहा है, यही कारण है कि सोलन में पिछले तीन महीनों से डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए हर मंगलवार को साक्षात्कार आयोजित कर रहा है, लेकिन अभी तक केवल एक एमबीबीएम डॉक्टर ही साक्षात्कार देने के लिए आया है। प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सीएमाओ को डॉक्टर के पद भरने के लिए साक्षात्कार लेने की शक्तियां प्रदान की थी, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने का कोई भी इच्छुक नहीं आ रहे हैं। प्रदेश से डॉक्टर की पढ़ाई पूरी करने के बावजूद भी डॉक्टर यहां नौकरी करना पंसद नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में अधिकतर स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है

पैसा और सुविधाओं का अभाव भी बड़ा कारण

सूत्रों की मानें तो युवा डॉक्टरों का प्रदेश में नौकरी न करने के पीछे कम वेतन और सुविधाओं का अभाव माना जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इंटरव्यू के माध्यम से डॉक्टरों की सीधी भर्ती करने के रास्ते खोलने के बाद भी यहां कोई नही आ रहा है। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद युवा डॉक्टरों को बाहरी राच्यों में प्रदेश से अधिक वेतन और सुविधाएं मिलती है और वह पड़ोसी राच्यों में निजी अस्पतालों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज की ओर रुख

दूसरी ओर मौजूदा हालात में अस्पतालों में जो डॉक्टर हैं भी वह भी यहां से पलायन करने की जुगत में लगे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में खुल रहे मेडिकल कॉलेज भी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी हो रही है। मेडिकल कॉलेजों में तैनात होने के बाद सेवानिवृत्त होने की आयु दो वर्ष तक बढ़ जाती है, जबकि सरकारी अस्पतालों में सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है और कॉलेज में पढ़ाने वाले डॉक्टरों को 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृति होती है।

सोलन अस्पताल से मेडिकल कॉलेज में गए डॉक्टर

जिला अस्पताल सोलन से भी हाल ही में करीब चार विशेषज्ञ डॉक्टरों को नाहन के मेडिकल कॉलेज में तैनात किया गया है, जिसके कारण अस्पताल में डॉक्टरों की कमी चल रही है और अभी तक कोई भी डॉक्टर यहां के लिए ट्रांसफर नहीं किया गया है, इन पदों को भरने के लिए वॉक इन इंटरव्यू भी रखे गए, लेकिन उसके बाद भी पदों को भरा नहीं जा सका। ऐसे में अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं सीएमओ

डॉक्टरों की कमी के कारण पेश आ रही दिक्कतों के बारे में आलाधिकारियों को अवगत करवाया जा रहा है। दूसरी ओर अस्पताल में डाक्टरों के पद को भरने के लिए तीन महीने से वॉक इप इंटरव्यू रखे जा रहे हैं, लेकिन कोई भी एमबीबीएस नहीं आ रहे हैं केवल एक ही एमबीबीएस साक्षात्कार के लिए आया है।

-डॉ. आरके दरोच, सीएमओ।


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