छात्रों की क्षमता व जरूरत का आकलन जरूरी
जागरण संवाददाता, सोलन : राष्ट्रीय राजमार्ग कालका-शिमला पर वाकनाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में
जागरण संवाददाता, सोलन : राष्ट्रीय राजमार्ग कालका-शिमला पर वाकनाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में वीरवार को निदेशालय उच्च शिक्षा के सहयोग से प्रिंसिपल डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सोलन जिले के 165 प्रधानाचार्यो एवं मुख्याध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के उप निदेशक जीवन शर्मा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। इस दौरान विवि के प्रो. चासलर डॉ. एसके बंसल ने कहा कि शिक्षण में नई प्रौद्योगिकी के विस्तार और इस्तेमाल पर की जरूरत है। प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ अब जानकारी विभिन्न माध्यमों से छात्रों के लिए उपलब्ध है और शिक्षकों की भूमिका ज्ञान प्रदान करने के साथ सही जानकारी छात्रों तक पहुंचाने की भी है। शैक्षणिक विषय तैयार करने से पहले छात्रों की क्षमता, उम्मीद और जरूरत का आकलन करना जरूरी है।
उन्होंने छात्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए व्यावहारिक शिक्षा के अधिक से अधिक उपयोग की सलाह दी। उनका कहना था कि अध्यापक छात्रों के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाते हैं और हर शिक्षक को शिक्षा विभाग का एक हिस्सा होने पर गर्व महसूस होना चाहिए।
इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो. दलजीत सिंह ने प्रधानाचायरें को जमा दो कक्षा के सफल परिणाम पर बधाई दी। उन्होंने कला संकाय में सरकारी विद्यालयों के छात्रों के अच्छे प्रदर्शन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब अन्य संकाय में भी इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने विद्यालयों में नियमित रूप से नैतिक मूल्य पर कक्षाओं का संचालन करने का सुझाव दिया। मुख्यातिथि जीवन शर्मा ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम से प्राचार्य व शिक्षकों को लाभ होगा और वह प्रभावी ढंग से अपने कार्य व जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। कार्यक्रम में बाहरा विवि के रजिस्ट्रार डॉ. रवि मुनेजा, डिप्टी डायरेक्टर एडमिशन एंड मार्केटिंग अभिनव नंदा शामिल हुए।