नहीं थम रहा पीलिया का प्रकोप
जागरण संवाददाता, सोलन : जिला मुख्यालय सोलन से होकर साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों और अब अन्य उपमंडलों
जागरण संवाददाता, सोलन :
जिला मुख्यालय सोलन से होकर साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों और अब अन्य उपमंडलों के दूर-दराज क्षेत्रों तक पांव पसार चुका पीलिया का प्रकोप यहां कब थमेगा, अब यही सवाल आम लोगों की जुबान पर है। जिला प्रशासन सहित सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग अपने तमाम प्रयास पीलिया पर नियंत्रण के लिए झोंक चुका है, लेकिन यहां इस बीमारी का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार को फिर से सोलन जिला के विभिन्न क्षेत्रों में पीलिया से पीड़ित 18 नए मामले सामने आए हैं, जिससे जनमानस सहित सरकारी अमला भी सकते में है। ऐसे में पहली जनवरी से लेकर आज तक सोलन जिला में कुल 244 पीलिया के रोगी पाए गए हैं, जिनमें से 121 मामले सोलन शहर के, 40 मामले धर्मपुर खंड के और शेष 83 मामले नजदीकी विकास खंडों एवं साथ लगते सिरमौर व शिमला जिलों से संबंधित हैं।
गौर हो कि राजधानी शिमला में अश्रि्वनी खड्ड के दूषित पानी से पीलिया फैलने के बाद यह रोग सोलन के लोगों को भी घेरने लगा तो फौरन यहां अश्रि्वनी पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई, जिसे अब महीने से अधिक समय होने लगा है। बावजूद इसके भी सोलन में रोजाना पीलिया के रोगी आ रहे हैं और यह सिलसिला सिर्फ शहर में ही नहीं आसपास के ग्रामीण इलाकों व जिला के अन्य क्षेत्रों से भी मरीजों में पीलिया के लक्षण पाए जा रहे हैं। ऐसे में लोग भयभीत हैं और संबंधित विभाग सक्रिय तो है, लेकिन उनका बस कुछ नहीं चल रहा और पीलिया का प्रकोप आगे से आगे बढ़ता ही जा रहा है।
जिला स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ डा. आरके धरोच ने पुष्टि की कि शुक्रवार को सोलन व अन्य स्थानों से पीलिया के 18 नए मामले पाजिटिव पाए गए हैं, जिन्हें तुरंत उपचार शुरु कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को पीलिया से बचने के लिए शुद्ध जल प्रयोग करने व अन्य एहतियात बरतने की जानकारी मुहैया करवाई जा रही है। जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों को पीलिया से संबंधित मामलों पर तुरंत कार्रवाई करने और इसके निशुल्क परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
पीलिया से नहीं हुई युवती की मौत : धरोच
सोलन जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरके धरोच ने कहा कि कंडाघाट उपमंडल में सायरी क्षेत्र से युवती की मौत पीलिया के कारण नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा युवती के घर जाकर उसकी पूरी केस हिस्ट्री खंगाली गई है, जिसमें पिछले दिनों से कहीं भी उसका पीलिया का उपचार नहीं हुआ है। लड़की के परिजनों का कहना था कि उसे एक साल पहले पीलिया हुआ था, लेकिन तब वह ठीक हो गई थी। सीएमओ ने कहा कि अब उसे अन्य गंभीर बीमारी थी, जिसका इलाज युवती के परिजनों द्वारा कुनिहार व शिमला के अस्पतालों से करवाया जा रहा था। उनके मुताबिक उसकी पर्चियों में कहीं भी पीलिया का उपचार नहीं था और युवती को बीते दिनों सायरी अस्पताल में मृत अवस्था में ही लाया गया था।