गैस एजेंसियों की मनमानी का होगा विरोध
जागरण संवाददाता, सोलन : एलपीजी उपभोक्ताओं को घर-द्वार पर गैस सिलेंडर मुहैया करवाने की जिम्मेदारी उठा
जागरण संवाददाता, सोलन : एलपीजी उपभोक्ताओं को घर-द्वार पर गैस सिलेंडर मुहैया करवाने की जिम्मेदारी उठाए गैस एजेंसियों की मनमानी के खिलाफ अब अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत समिति आगे आ गई है और इनकी मनमर्जी के विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। इस कड़ी में 27 अक्टूबर से जनजनजागरण अभियान छेड़कर न केवल एजेंसी के संचालकों व शासन-प्रशासन को सचेत किया जाएगा, बल्कि मुख्यमंत्री व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री तक को जनता के हस्ताक्षर युक्त की प्रतियां भेजी जाएंगी।
इसके लिए समिति ने अपने स्तर पर मुहिम शुरू कर दी है। संस्था के पदाधिकारियों के माध्यम से लोगों को इस मुद्दे पर एकजुट किया जाने लगा है। उद्देश्य है कि आम गरीब से लेकर अमीर व्यक्ति की रसोई से जुड़े इस मामले को गांव से लेकर शहर तक के लोगों में प्रचारित व प्रसारित किया जाए। गैस एजेंसियों के साथ मामले में संघर्ष के सार्वजनिक ऐलान करने व दबाव बनाने के लिए ग्राहक पंचायत समिति के प्रदेश संगठन मंत्री ने बीते दिन ही सोलन में पत्रकार वार्ता भी की थी।
समिति का मत है कि सोलन शहर व आसपास के क्षेत्रों में सभी गैस एजेंसियां ग्राहकों से रसोई गैस के मनमाने दाम वसूल रही हैं। यहां पर ग्राहकों न तो समय पर गैस सिलेंडर मिलते हैं व इसके लिए भी उन्हें दिन भर सड़क पर लाइनों में खड़े रहना पड़ता है। नियमों के हिसाब से उपभोक्ताओं को उनके घर द्वार पर रसोई गैस मिलनी चाहिए। इसके खिलाफ समिति पहले प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग करेगी। यदि फिर भी इस मनमानी को नहीं रोका गया तो ग्राहक पंचायत प्रदेश के उपभोक्ताओं को एकत्र करके सड़कों पर आंदोलन करेगी।
संगठन मंत्री नरेश चौहान का कहना है कि सोलन में गैस एजेंसियां 18 से 40 रुपये तक प्रत्येक घरेलू सिलेंडर पर अधिक दाम वसूल रही हैं। यही हालत पूरे प्रदेश की है, जहां कहीं भी एजेंसियां उपभोक्ताओं को तोलकर सिलेंडर नहीं देती। यहां प्रति सिलेंडर के दाम 416.03 रुपये है, जिसमें डिलीवरी चार्ज 16.47 रुपये के साथ 432.50 रुपये निर्धारित किए गए हैं, लेकिन यहां लोगों से 450 व इससे भी अधिक वसूल किए जा रहे हैं। समिति की दस सूत्रीय मांग है कि गैस एजेंसियों को घर-घर सिलेंडर पहुंचाने के निर्देश दिए जाने चाहिए, गैस डिलीवरी की सूचना उपभोक्ताओं को एसएमएस द्वारा दी जाए, सिलेंडर को तोल कर दिया जाए, सभी गैस उपभोक्ताओं को कैश मेमो या रसीद दी जाए जिसमें सिलेंडर का मूल्य व मजदूरी अलग-अलग दर्शाई गई हो। इसके अलावा उपभोक्ताओं को सिलेंडर गोदाम से लेने के लिए बाध्य न किया जाए, इंडियन आयल कार्पोरेशन के निर्देशानुसार प्रत्येक गैस उपभोक्ता के घर जाकर दो वर्षो में कम से कम एक बार सुरक्षा संबंधित समीक्षा की जाए और उपभोक्ता के इंश्योरेंस कवर को सार्वजनिक करके इसके लिए उचित फार्म भरवाए जाएं।