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खनन माफिया के खिलाफ ढीला पड़ा विभाग

जागरण संवाददाता, कुल्लू : खनन माफिया के खिलाफ विभाग के ढीले रवैये के कारण माफिया के हौसले बढ़ गए हैं

By Edited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 09:36 PM (IST)
खनन माफिया के खिलाफ ढीला पड़ा विभाग

जागरण संवाददाता, कुल्लू : खनन माफिया के खिलाफ विभाग के ढीले रवैये के कारण माफिया के हौसले बढ़ गए हैं। अवैध रेत-़बजरी के ढेरों को नीलाम करने की प्रक्रिया भी ढीली पड़ गई है। खनन और पुलिस विभाग दलों ने कुछ दिन पहले बजौरा हाट इलाके में ही अवैध रेत के ढेरों को नीलाम करने की प्रक्रिया अपनाई और उसके बाद अभियान ठंडे बस्ते में चला गया।

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विभाग के ढीले रवैये के चलते माफिया चांदी कूट रहा है। विभाग का कहना है कि अब ताजा निर्देशों के तहत खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई होगी और लगातार छापेमारी अभियान चलेगा। राज्य भू वैज्ञानिक कार्यालय से जारी निर्देशों के तहत अब विभाग ने अभियान की तैयारियां कर ली हैं। हर रोज फील्ड में विभाग का दल गश्त करते हुए माफिया के खिलाफ कार्रवाई करेगा। जिला खनन अधिकारी ¨बदिया ने कहा कि ताजा निर्देशों के तहत अब विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खनन माफिया से जुर्माना नहीं वसूलेंगे बल्कि मामला सीधे न्यायालय में भेजा जाएगा।

न्यायालय के फैसले के अनुसार जो भी जुर्माना भरने के माफिया को निर्देश होंगे, उन्हीं के अनुसार जुर्माना वसूला जाएगा। उच्च न्यायालय से जारी आदेशों के बाद अब विभाग इस प्रक्रिया को अपना रहा है। जिला खनन अधिकारी ¨बदिया ने कहा कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध तरीके से निकाले गए रेत और बजरी के ढेरों के नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। दूसरी ओर ताजा निर्देशों से खनन माफिया में भी हड़कंप की स्थिति है।

फिर भी नहीं रुकेगा गोरखधंधा

लोगों में चर्चा है कि मामले सीधे न्यायालय में भेजने के आदेशों से घूसखोरी में इजाफा होगा। पकड़े जाने पर गोरखधंधे से जुड़े लोग न्यायालय पहुंचने से पहले ही मामले को निपटाने का प्रयास करेंगे। उच्च न्यायालय को ऐसे मामलों में और सख्त आदेश जारी कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर पहल करनी चाहिए। कुल्लू के बुद्धिजीवियों में हरीश शर्मा, मोहन लाल ठाकुर, सीएल आचार्य, डॉ. आरके ठाकुर, शाम चंद ठाकुर आदि ने कहा कि जब तक अवैध कार्यो के खिलाफ सख्त कानून नहीं बनेंगे तब तक शिकंजा नहीं कसेगा। उन्होंने उद्योग विभाग की ओर से ऐसे मामलों में कड़े नियमों को लागू करने की प्रक्रिया को सराहा। दो वर्ष की कैद के प्रावधान को उन्होंने सही करार दिया।


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