तेला रोग तबाह कर रहा आम की फसल
संवाद सहयोगी, नाहन : जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन से 14 किलोमीटर दूर विक्रम का बाग क्षेत्र में आम की फसल में तेला रोग लग गया है। तेले ने आम की लाखों रुपये की फसल तबाह कर दी है। इससे दर्जनों आम उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। तेला रोग के चलते आम का न तो आकार न बढ़ा और न ही आम पक पाया है। इस कारण आम उत्पादकों का यह सीजन घाटे में रहा। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक समय पर बारिश न होने के चलते आम में यह रोग लगा है। इस रोग के लक्षण में आम के पत्तों से पानी निकलना व उसके पतों में चमकीलापन है।
विक्रम बाग के आम उत्पादक प्रेमचंद, रामदत्त, भगवान दास, श्रीचंद ने बताया कि इस तेला रोग के कारण 70 प्रतिशत फल बर्बाद हो गया है। उन्होंने बताया कि यह रोग अधिकतर मालदा, लंगड़ा, दशहरी आम में लगा है, जिसकी मंडी में सबसे अधिक मांग थी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मुताबिक आम में तेला रोग उन पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक है जो मैदानी क्षेत्रों से जुडे़ हैं, यहा इसे उपयुक्त वातावरण मिला।
एक प्रकार का कीट होता है तेला रोग
आम को तेला रोग एक प्रकार का कीट होता है, जो वातावरण के परिवर्तन के कारण फसल में पैदा हो जाता है। तेला का असल नाम होपर है। आम के फल में यह जून व जुलाई के माह में लगता है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. अजय जोशी के मुताबिक जिले के कई क्षेत्रों में आम में होपर होने के कारण बागवानों को नुकसान हुआ है।
ऐसे करें रोकथाम
कृषि विशेषज्ञ डॉ. अजय जोशी के अनुसार आम के फल में तेला होने की स्थिति में साइपर मेथरिन का छिड़काव करे। यह दो मिलीलीटर दवा एक लीटर पानी में मिलाएं। इसके एक सप्ताह बाद इसी दवा की एक मिली लीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव को दोहराएं। आम के फल पर एक यह छिड़काव तीन सप्ताह तक करना होगा।