सोनिया गांधी ने देखे प्रियंका के घर सेब के पौधे
सोनिया गांधी ने प्रियंका वाड्रा का शिमला स्थित खबर देखा। इस दौरान सोनिया ने बगीचे में स्थित पौधों को भी बारीकी से निहारा।
राज्य ब्यूरो, शिमला। बड़े चाव से बन रहे बेटी प्रियंका वाड्रा के घर को देखने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शिमला पहुंच गई हैं। सुलझे हुए बागवानों की तरह सोनिया गांधी ने प्रियंका के साथ एक घंटे तक सेब के बगीचे मे पौधों का जायजा लिया व बगीचा देखने वाले लोगों को सेब के पौधों की देखरेख की हिदायत दी। सोमवार को शाम चार बज कर दस मिनट पर सोनिया-प्रियंका छराबड़ा स्थित बगीचे में पहुंचीं।
पहले बगीचे का निरीक्षण कर, निर्माणाधीन घर मे हो रहे निर्माण को बारीकी से देखा। दो घंटे तक सोनिया गांधी व प्रियंका वहां रहीं। तीन दिवसीय दौरे के लिए सोनिया गांधी बेटी प्रियंका के साथ दो बज कर दस मिनट पर छराबड़ा पहुंचीं। पहले होटल वाइल्ड फ्लावर हाल में कुछ देर आराम करने के बाद छराबड़ा बाजार में गाड़ी से उतर गईं। उसके बाद बेटी का घर देखने के लिए पैदल निकलीं।
इससे पहले तीन दिवसीय दौरे के लिए सोनिया बेटी के साथ दिल्ली से चंडीगढ़ तक हवाई मार्ग और आगे सड़क मार्ग से होते हुए आईं। हालांकि उनका दौरा निजी बताया जा रहा है, लेकिन खुफिया एजेसियां सतर्क हैं। छराबड़ा व आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रियंका गांधी के घर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और अक्टूहर के नवरात्र में प्रियंका यहां प्रवेश कर सकती हैं। प्रियंका का घर राष्ट्रपति निवास रिट्रीट बंगले के बिल्कुल नजदीक होने के कारण अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यह करीब सवा चार बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। प्रियंका ने वर्ष 2007 मे इसे खरीदा था।
प्रियंका ने बताया छोटे थे पौधे.
प्रियंका ने मां सोनिया को बताया कि जब सेब के पौधे लगाए गए थे, उस समय बहुत छोटे थे। अब बड़े हो गए हैं। सेब के पौधों के साथ-साथ चेरी भी लगाई गई थी। दोनों तरह के पौधे सही तरह से विकसित हो रहे हैं। वहां पर मौजूद लोग सेब के पौधों को पानी दे रहे थे। काफी समय गुजारने के बाद दोनों मकान में दाखिल हुईं।
संतुष्ट छत पर स्लेट लगाओ
यह आशियाना पहाड़ी शैली में बन रहा है। निर्माणाधीन भवन में हो रहे काम से सोनिया संतुष्ट नजर आईं। अब छत पर स्लेट लगाने का काम शुरू होगा। स्लेट कांगड़ा के खनियारा व मंडी जिला के जोगेद्रनगर क्षेत्र से लाई जा चुकी है। पूरी इमारत मे पेट का काम शुरू हो गया है।