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मोदी के लिए शिमला तैयार

मोदी शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे से सस्ती हवाई सेवा के लिए उड़ान योजना शुरू करेंगे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 10:11 AM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 10:11 AM (IST)
मोदी के लिए शिमला तैयार

राज्य ब्यूरो, शिमला।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए शिमला तैयार है। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार शिमला आ रहे हैं। मोदी शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे से सस्ती हवाई सेवा के लिए उड़ान योजना शुरू करेंगे। इसी के साथ राजधानी शिमला के लिए नियमित उड़ान शुरू होगी जो लंबे समय से बंद थी।उड़ान के तहत 70 शहरों के लिए सस्ती दर पर हवाई सेवा शुरू की जा रही है। एक घंटे की उड़ान के लिए 2500 रुपये किराया रहेगा। आधे घंटे की उड़ान के लिए 1250 रुपये किराया देना होगा। प्रधानमंत्री बिलासपुर जिला में बनने वाले देश के पहले हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज का भी रिज मैदान से बटन दबाकर शिलान्यास करेंगे। एजी चौक से रोड शो शुरू होगा, जहां से खुली जीप में मोदी सीटीओ, स्कैंडल प्वाइंट होते हुए माल रोड से रैली स्थल रिज पर पहुंचेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने बुधवार को जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे में तैयारियों का जायजा लिया। हिमाचल में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर परिवर्तन रैली के जरिये कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए भाजपा हुंकार भरेगी।

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मोदी से विशेष पैकेज मांगेगे वीरभद्र

आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रदेश को उबारने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष विशेष पैकेज की मांग कर सकते हैं। राज्य में रेल नेटवर्क विस्तार करने का मुद्दा भी लंबित है।ऊर्जा राज्य में विद्युत उत्पादन हो रहा है मगर खुले बाजार में बिजली का भाव नहीं मिल रहा ह। दूसरे राज्य बिजली खरीदने को तैयार नहीं हैं। सेब आयात शुल्क नहीं बढऩे के कारण प्रदेश के सेब पर संकट छा गया है। पौंग बांध विस्थापितों के साथ भाखड़ा विस्थापितों को हरियाणा व राजस्थान में बसने नहीं दिया जा रहा है। हालांकि मुख्य सचिव वीसी फारका का कहना है कि अभी तक मोदी को मांगपत्र सौंपने की कोई योजना नहीं है मगर उन्होंने ऐसी संभावना से इन्कार नहीं किया। प्रदेश में औद्योगिकीकरण को गति देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विशेष औद्योगिक पैकेज दिया था। यह पैकेज राजनीति की भेंट चढ़ गया। यूपीए सरकार ने इस पैकेज की अवधि को घटाकर सात साल कर दिया था।

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