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आउटसोर्स कर्मियों को नीति नहीं, सिर्फ गाइडलाइन

राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकारी कर्मचारी बनने का सपना देख रहे साढे़ चौदह हजार आउटसोर्स कर्मचारियों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Jun 2017 01:00 AM (IST)
आउटसोर्स कर्मियों को नीति नहीं, सिर्फ गाइडलाइन

राज्य ब्यूरो, शिमला : सरकारी कर्मचारी बनने का सपना देख रहे साढे़ चौदह हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को गाइडलाइन से ही संतोष करना पडे़गा। आउटसोर्स कर्मचारी चाहते थे कि सरकार उनके लिए ठोस नीति निर्धारण करे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो। लेकिन, सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आउटसोर्स कर्मियों को आशा प्रदान करते हुए नियोक्ता कंपनियों के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनात कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नीति बनाने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बजट सत्र 2017-18 में विधानसभा सदन में आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति तैयार करने की घोषणा के संदर्भ में यह निर्णय लिया है।

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बैठक में सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को उनके विकल्प के अनुसार स्थायी चिकित्सा भत्ते में 50 रुपये बढ़ाने का निर्णय लिया है। 1 जून 2017 से भत्ता 350 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्राप्त होगा। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में 51 हजार सरकारी कर्मचारी व 29 हजार पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। यह भी निर्णय हुआ है कि विभिन्न सरकारी विभागों में 668 पद भरे जाएंगे। जेपी कंपनी के दो सीमेंट प्लांट बेचने के प्रस्ताव पर मंत्रियों में सहमति नहीं बन पाई।

मंत्रिमंडल ने पंचायत सहायकों के 75 पद भरने के निर्णय के अतिरिक्त 31 मार्च 2017 को अनुबंध आधार पर 3 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले 533 पंचायत सचिवों को नियमित करने का निर्णय लिया गया। 31 मार्च 2017 को तीन साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले 179 पंचायत सहायकों के पदनाम परिवर्तित कर उन्हें अनुबंध आधार पर पंचायत सचिव बनाने का भी निर्णय लिया गया। बेरोजगारों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर खोलते हुए सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती से जेबीटी के लिए निर्धारित 15 प्रतिशत पदोन्नति कोटे से टीजीटी मेडिकल के 348 पद भरने की स्वीकृति प्रदान की। हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन, तकनीकी तथा मिनिस्ट्रियल स्टॉफ के 125 पद सृजित करने व भरने को स्वीकृति दी।

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युद्ध विधवाओं की बेटियों को 50000 सहायता राशि

युद्ध विधवाओं की बेटियों की वित्तीय सहायता 15000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये करने तथा एक्शन या ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए सेना तथा अर्धसैनिक बलों में के आश्रितों की अनुग्रह राशि में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया गया। सेना तथा अ‌र्द्धसैनिक बलों में युद्ध में शहीद होने पर 20 लाख रुपये, घायल होने पर 5 लाख रुपये तथा 50 प्रतिशत या इससे अधिक रूप से विकलाग होने की स्थिति में 2.50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।


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