डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर सैकड़ों ऑपरेशन टले
राज्य ब्यूरो, शिमला : मेडिपर्सन एक्ट को गैरजमानती बनाने की मांग पर अड़े चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश प
राज्य ब्यूरो, शिमला : मेडिपर्सन एक्ट को गैरजमानती बनाने की मांग पर अड़े चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश पर जाने से प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। चिकित्सा अधिकारी संघ सहित सामूहिक अवकाश पर गए रेजीडेंट डॉक्टरों की गैरहाजिरी से सोमवार को प्रदेशभर में सैकड़ों ऑपरेशन टालने पड़े।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में ही 125 मरीजों को ऑपरेशन के लिए न कहनी पड़ी। अस्पताल के ऑर्थो, कार्डियो व यूरोलॉजी विभागों में भर्ती मरीजों को ऑपरेशन की ड्रेस पहनने के बाद भी न सुननी पड़ी। कई मरीज तो सुबह से भूखे रहे और बाद में उन्हें पता चला आज ऑपरेशन नहीं होंगे। हालांकि पत्थरी व अन्य मर्ज की शूट पेन में आपातकालीन वार्ड में पहुंचने वालों के ऑपरेशन हुए पर जिन मरीजों को चिकित्सकों ने पहले से ऑपरेशन की डेट दी थी, उनमें एक भी ऑपरेशन नहीं हो पाया। आइजीएमसी में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रो. व असिस्टेंट प्रो. की संख्या दो सौ से अधिक है और इनमें से आधे चिकित्सक शीतकालीन अवकाश पर हैं। उस पर आरडीए के भी चले जाने से मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।
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जिलों का हाल
-आरपीजीएमसी टांडा : केवल इमरजेंसी में हुए ऑपरेशन।
-जोनल अस्पताल मंडी : पर्ची काउंटर पर मरीजों का हंगामा।
-कुल्लू : कोई ऑपरेशन नहीं हुआ।
-चंबा : नहीं दी थी ऑपरेशन की डेट
-ऊना : कोई ऑपरेशन नहीं हुआ।
-बिलासपुर : सामान्य रही स्थिति
हमीरपुर : सामान्य रहे हालात
सोलन : सामान्य रहे हालात
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ऐसे बढ़ेगा आंदोलन
- 24 जनवरी से दो फरवरी तक चिकित्सक काले बिल्ले लगाएंगे।
- तीन से 12 फरवरी तक सुबह दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक।
- 13 फरवरी को फिर सामूहिक अवकाश।
- इसके बाद सामूहिक इस्तीफा देंगे चिकित्सक ।
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सैमडिकॉट का भी समर्थन
आइजीएमसी की स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल टीचर्स (सैमडिकॉट) ने भी हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के आंदोलन को समर्थन दिया है। सैमडिकॉट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद व महासचिव यूके चंदेल ने भी सामूहिक अवकाश पर गए चिकित्सकों की मांगों का समर्थन किया है। लेकिन आम जनता के हित में सोमवार को आइजीएमसी टीचिंग एसोसिएशन कैजुअल लीव पर नहीं गई। यदि सरकार जल्द मांगों पर कोई निर्णय नहीं है तो सैमडिकॉट के चिकित्सक भी अगली बार हड़ताल में शामिल होंगे।
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जारी रहेगा आंदोलन
हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि हड़ताल प्रदेशभर में कामयाब रही है। मंगलवार से 10 दिन तक काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन प्रदेशभर में जारी रखेंगे। मंत्री कौल सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, किसी डॉक्टर की जान चले जाने को अगर कोई छोटी बात कहता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ की मांगें लंबित हैं और इसके लिए आंदोलन जारी रहेगा।
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अध्यादेश लाए सरकार
आइजीएमसी रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय जरियाल ने कहा कि वह स्वास्थ्य मंत्री के बयान का स्वागत करते हैं जिसमें उन्होंने आगामी बजट सत्र में मेडिपर्सन एक्ट को गैरजमानती करने की बात कही है। आरडीए ने मांग की है कि जब तक विधेयक नहीं आता सरकार मामले पर अध्यादेश लाए। यदि सरकार अध्यादेश नहीं लाती है तो पहले से निर्धारित पेन डाउन स्ट्राइक के बाद सामूहिक इस्तीफा देंगे।
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'चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश के कारण 125 से अधिक ऑपरेशन नहीं हो पाए। केवल इमरजेंसी में ऑपरेशन किए गए हैं।'
- डॉ. रमेश चंद, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, आइजीएमसी शिमला।
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''अपनी नाकामी छिपाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्हें डॉक्टरों पर हुए हमले छुटपुट नजर आते हैं। स्वास्थ्य मंत्री व सचिव जब विभाग चला ही नहीं सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।''
-डॉ. जीवानंद चौहान, एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष