पंजाब की तर्ज पर खुलेगा मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी के स्थान पर अब पंजाब की तर्ज पर मेडिकल साइंस
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी के स्थान पर अब पंजाब की तर्ज पर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। इसमें मेडिकल के साथ आयुर्वेदिक कॉलेज और कोर्स को भी शामिल करने की योजना है। इस संबंध में पंजाब मेडिकल साइंस विवि के प्रारूप का अवलोकन कर खाका तैयार किया जा रहा है। अगले बजट सत्र में इसे विधानसभा में पास करवाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर इस विवि को मंडी में खोले जाने के पक्ष में हैं।
मेडीकल साइस विवि में आयुर्वेदिक कोर्स को शामिल करने के लिए दोनों विभागों के मंत्रियों सहित अधिकारियों में भी चर्चा हो गई है। आयुर्वेद विभाग ने भी इसमें सहमति दे दी है। विधि विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बजट सत्र में लाए जाने वाले बिल में इसका प्रावधान किया जाए। इन दिनों विधि विभाग मेडिकल साइंस विवि का प्रारूप तैयार कर रहा है।
कैबिनेट में मंजूरी के बाद होगा विधानसभा में पेश
मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय के बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले कैबिनेट में इसे मंजूरी प्रदान की जाएगी। मेडिकल क्षेत्र के छह माह से पांच वर्ष तक के प्रशिक्षण डिग्री कोर्स इसी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के दायरे में होंगे। वर्तमान में मेडिकल क्षेत्र के सभी कोर्स हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अधीन हैं।
चार मेडिकल कॉलेज सहित 56 संस्थान
प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में तीन मेडिकल कॉलेज आइजीएमसी, डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन और निजी क्षेत्र में एमएमयू सोलन चल रहे हैं। मंडी का लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेर चौक भी इस वर्ष से सरकारी क्षेत्र में आरंभ हो रहा है। चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज जल्द शुरू होंगे। इसके अलावा 21 बीएससी नर्सिग और 33 जीएनएम संस्थान चल रहे हैं। आइजीएमसी व टांडा में पैरामेडिकल कोर्स और पांच डैंटल कॉलेज चल रहे हैं।
कहीं तीन जिलों में फंस न जाए मेडिकल साइंस विवि
प्रदेश के मंत्री और विधायक अपने क्षेत्रों में मेडिकल साइंस विवि खोलने पर जार दे रहे हैं। इसके तहत शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में खोलने को लेकर विवि कहीं बीच में फंस कर न रह जाए।
प्रदेश में पंजाब की तर्ज पर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है। इसमें आयुर्वेद को भी शामिल किया जाएगा। विधि विभाग इसके लिए प्रारूप तैयार कर रहा है। कांगड़ा और शिमला में पहले से अन्य विश्वविद्यालय हैं, इसलिए इसे मंडी में खोले जाने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
-कौल सिंह ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री।