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राजधानी में सरेआम हो रहा पॉलीथीन का प्रयोग

जागरण संवाददाता, शिमला : चाहे प्रदेश में पॉलीथीन के प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा हो परंतु राजधानी

By Edited By: Published: Tue, 18 Oct 2016 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2016 06:14 PM (IST)

जागरण संवाददाता, शिमला : चाहे प्रदेश में पॉलीथीन के प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा हो परंतु राजधानी शिमला में पॉलीथीन का प्रयोग फिर से शुरू होने से सरकार के आदेशों की सरेआम धज्जिया उड़ रही हैं। राजधानी शिमला की सब्जी मंडी सहित ढली सब्जी मंडी में अन्य राज्यों से सब्जिया आदि भी पॉलीथीन में पैक होकर बाजार में पहुंच रही हैं। बाजार में सब्जी की दुकानों पर पॉलीथिन में पैक सब्जी को आम देखा जा सकता है, जिससे साफ जाहिर है कि व्यापारियों में पुलिस और प्रशासन का खौफ नहीं है। प्रतिदिन कई क्विंटल पॉलीथीन एकत्रित हो रहा है। सब्जी मंडी में फैली अव्यवस्था की वजह से हिमाचल सरकार का पॉलीथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ अभियान नारा बनकर रह गया है। शिमला की ढली सब्जी मंडी में मंगलवार सुबह को खुले आम पॉलीथीन की लिफाफे में बंद भिंडी व घीया, हरी मिर्च, बैंगन की बोली लगाई जा रही है। सब्जिया न सिर्फ मंडी में ही बिक रही हैं बल्कि शहर के अन्य भागों में भी धड़ल्ले से बेची जा रही हैं लेकिन अधिकारी यह दावे करते नहीं थक रहे हैं कि प्रदेश में पॉलीथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लग चुका है जबकि जंक फूड तो 100 प्रतिशत पॉलीथीन में आ रहा है। प्रदेश के हर हिस्से में पॉलीथीन में सामान बिक रहा है। सरकार ने पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए इसका इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान किया है परंतु सब्जी मंडी के आढ़तियों को पूछने वाला कोई नहीं है। इनके हौसले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं और अन्य राज्यों से पॉलीथीन में पैक सब्जियां बिना खौफ के लाई जा रही हैं। दिल्ली, हरियाणा व पंजाब से आने वाली सब्जियां अधिकतर पॉलीथीन के लिफाफों में ही पैक होकर आती हैं। न सिर्फ सब्जियों बल्कि अन्य खाद्य पदार्थो कोभी पॉलीथीन में पैक कर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है। न तो बैरियरों पर ऐसी गाड़ियों की चेकिंग हो रही है और न ही ऐसे सामान को उतारने के समय पर इन्हें कोई पूछने वाला है।

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बरत रहे है ढील

अन्य राज्यों से प्रदेश के भीतर पॉलीथीन में आने वाले उत्पादों पर रोक लगाने में अधिकारी ढील बरत रहे हैं। इसका फायदा व्यापारी वर्ग उठा रहा है। यदि विभाग इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तो आढ़ती भी अन्य राज्यों से आने वाली सब्जियों के लिए अन्य विकल्प ढूंढें लेकिन प्रशासन की लापरवाही से सारा गोरखधंधा चल रहा है।


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