Move to Jagran APP

हिमाचल में कोई नहीं सुनता दिव्यांगों की

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में दिव्यांगों की कोई सुध नहीं ले रहा है। इन्हें बेहतर सुविधाएं देना

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 01:01 AM (IST)
हिमाचल में कोई नहीं सुनता दिव्यांगों की

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में दिव्यांगों की कोई सुध नहीं ले रहा है। इन्हें बेहतर सुविधाएं देना तो दूर इनकी समस्याएं तक सुनने वाला कोई नहीं है। इनसे संबंधित एग्जिक्यूटिव कमेटी का सरकार को पुनर्गठन करने का तक समय नहीं लगा है। यदि बैठकों की बात करें तो तीन व छह माह में होने वाली को-ऑर्डिनेशन व एग्जिक्यूटिव कमेटी की अरसे से कोई बैठकें नहीं हुई है। भारत के मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन डॉ. कमलेश कुमार पांडेय ने मामले पर मुख्य सचिव से वार्ता कर निर्देश दिए है कि दिव्यांगों से संबंधित इन कमेटियों की नियमित बैठक की जाए।

loksabha election banner

हिमाचल में दिव्यांगों के लिए अलग से आयोग गठित नहीं किया गया है, जिससे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव को ही इसका जिम्मा देखना पड़ रहा है। ऐसे सचिव जिनके पास पहले से अन्य विभागों का भी जिम्मा है। ऐसे में दिव्यांगों की समस्या कौन सुनेगा यदि दिव्यांग अपनी समस्या लेकर आएंगे भी तो पूरा समय कौन अधिकारी बैठा मिलेगा। इसलिए जरूरी है कि कम से कम बैठकें तो नियमित की जाए।

हिमाचल में स्थिति यह है कि 1.55 दिव्यांगों में से केवल पचास प्रतिशत को ही प्रमाणपत्र जारी किया गया है। मुख्य आयुक्त डॉ. पांडेय ने बुधवार को शिमला सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में कई एनजीओ को सरकार पैसा दे रही है, लेकिन मॉनिटरिंग कोई नहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए औचक निरीक्षण किए जाए कि पैसा कब व कैसे दिव्यांगों के उत्थान पर खर्च हो रहा है। हिमाचल में दिव्यांगों के विषयों की उपेक्षा की जा रही है।

---------

हिमाचल में दिव्याग

3250 : अस्थिदोष

26076 : दृष्टि दोष

26700 : मूकबधिर

8278 : श्रवण दोष

8986 : मानसिक रूप से अविकसित

47560 : अन्य प्रकार की विकलागताओं से ग्रसित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.