मुख्यमंत्री के काफिले से लोग हुए परेशान
जागरण संवाददाता, सोलन : शूलिनी मेले के पहले ही दिन लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा। अव्यवस्था
जागरण संवाददाता, सोलन :
शूलिनी मेले के पहले ही दिन लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा। अव्यवस्था इतनी थी कि लोगों से खचाखच भरे माल रोड पर वीवीआइपी का काफिला तक गुजार दिया गया। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हुई।
मेले के पहले दिन शहर में लोगों की भारी भीड़ जुटी थी। इस दौरान वाहनों के लिए प्रतिबंधित माल रोड पर तिल धरने के लिए भी जगह नहीं थी। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री का काफिला यहां से गुजरा तो लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
मुख्यमंत्री का काफिला दो-अढ़ाई बजे विश्राम गृह से निकलकर मेले के चलते वाहनों के लिए प्रतिबंधित किए गए माल रोड से होते हुए उपायुक्त कार्यालय चौक और वहां से राजगढ़ रोड होते हुए पुरानी कचहरी को गुजरता है। वैसे तो प्रशासन ने इस क्षेत्र को अधिक भीड़ होने के चलते गाड़ियों के लिए बंद कर रखा है, लेकिन वीवीआइपी काफिले को ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि उसे माल रोड से ही भेजा गया। सामान्य तौर पर जब शाम के समय माल रोड बंद होता है तो शिमला-चंडीगढ़ के लिए सफर करने वाले विशिष्ट व्यक्ति, फिर चाहे वह मुख्यमंत्री या राज्यपाल हो अथवा कोई अन्य, प्रशासन द्वारा सोलन बाइपास से ही रूट किए जाते हैं। इसी बात से शहरवासी भी हैरान रहे कि आम तौर पर शूलिनी मेले के दौरान भी मुख्य अतिथि लोगों की सुविधा को लेकर यहां से जाने से गुरेज करते हैं, फिर इस बार प्रशासन को ऐसी क्या नौबत आ गई कि वह मुख्यमंत्री के काफिले को बीच माल रोड से ले गए, जिस दौरान सड़क पर हजारों लोगों का रेला था।
हालांकि यहां नौबत यह थी कि जब एंबुलेंस भी किसी मरीज को लेकर माल से गुजरने लगी तो अधिक भीड़ होने के कारण बीच-बीच में कई बार फंस गई। वैसे लोग रास्ता दे रहे थे, लेकिन माल रोड पर रश इतना था कि एंबुलेंस को भी कुछ सौ मीटर तय करने में कई मिनट लग गए।
अव्यवस्था से मुख्यमंत्री भी रहे खिन्न
शूलिनी माता की शोभायात्रा के दौरान पालकी के समीप भीड़-भड़ाके को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी खिन्न रहे। पुरानी कचहरी पर जब वह पालकी का स्वागत करने के लिए उपस्थित थे तो वहां भी इतनी अव्यवस्था रही कि सीएम भी ढंग से माता के दर्शन नहीं कर सके। पालकी के आसपास दर्शन करने वालों की जगह माता के कल्याणों सहित पुलिस व अन्य कारदारों के ही तीन-चार घेरे थे, जिससे लोग बड़ी मशक्कत करके पालकी तक पहुंच पा रहे थे। यही नहीं कांग्रेस नेताओं ने भी मुख्यमंत्री को इस कदर घेर कर रखा था कि वीरभद्र सिंह बोल ही उठे कि वह पहली बार शूलिनी मेले में नहीं आए हैं, लेकिन यहां व्यवस्था ठीक नहीं। इसके अलावा पूरे शहर में शोभायात्रा के दौरान लोगों, खासकर महिलाओं को माथा टेकने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उनके साथ धक्का-मुक्की होती रही और तैनात की गई पुलिस, कोई व्यवस्था नहीं बना सकी।