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दिव्यांग विद्यार्थियों को दें हॉस्टल सुविधा

राज्य ब्यूरो, शिमला : उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौ

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 01:04 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 01:04 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, शिमला : उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें माग की गई है कि हाल ही में दसवीं पास करने वाले दृष्टिहीन और मूक बधिर विद्यार्थियों को विशेष स्कूल में 11वीं कक्षा में प्रवेश देने के साथ ही हॉस्टल की सुविधा भी दी जाए। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वह ढली स्थित विशेष स्कूल के बच्चों की हॉस्टल की समस्या का समाधान कराने का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार ने कुछ दिन पूर्व इस स्कूल का दर्जा बढ़ाकर 12वीं तक कर दिया है। लेकिन हैरानी की बात है कि 11वीं में प्रवेश के इच्छुक गरीब परिवारों के दृष्टिहीन व मूक बधिर बच्चों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था नहीं की गई है। उन्हें पीजी में रहने को कहा जा रहा है। इस वर्ष 19 मूक बधिर और एक दृष्टिहीन बच्चे ने 10वीं की परीक्षा पास की है। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने स्कूल का दर्जा बढ़ाकर 12वीं तक करने की घोषणा की थी, लेकिन न तो सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग और न ही स्कूल चलाने वाली राज्य बाल कल्याण परिषद ने यह सोचने की जरूरत समझी कि 11वीं में प्रवेश लेने वाले विकलाग बच्चे रहेंगे कहां। विशेष स्कूल परिसर में अभी कुछ दिन पूर्व तीन कमरों की मरम्मत कराई गई है जिनके साथ शौचालय भी हैं। इन कमरों को 11वीं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को रखा जा सकता है। यदि यह संभव नहीं है तो उन बच्चों के लिए पीजी की व्यवस्था सरकार करे और दृष्टिहीन व मूक बधिर विद्यार्थियों के पीजी में रहने का खर्च सरकार उठाए।

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विभाग ने नहीं दिया है आदेश

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर ने बताया कि विभाग ने ऐसे कोई आदेश नहीं दिए हैं और न ही विभाग ऐसा कर सकता है। 12वीं तक क ा सेशन जुलाई से शुरू होगा और अध्यापकों की भर्तियां अभी की जा रही हैं। यहां नया खंड एक परिसर में बना है। विभाग का विचार है कि उसमें कमरों को बच्चों के लिए ठीक करवाया जाए। यदि पीजी में भेजने के लिए कोई कह रहा है तो पता किया जाएगा।


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