एक्सपायरी दवाएं ठिकाने लगाने वाला चीफ फार्मासिस्ट निलंबित
राज्य ब्यूरो, शिमला : ऊना जिला के चिंतपूर्णी में एक्पायरी दवाइयों को ठिकाने लगाने वाले सिविल अस्पताल
राज्य ब्यूरो, शिमला : ऊना जिला के चिंतपूर्णी में एक्पायरी दवाइयों को ठिकाने लगाने वाले सिविल अस्पताल ऊना के चीफ फार्मासिस्ट को सरकार ने बुधवार को निलंबित कर दिया है। इस मामले में मरीजों को दवाइयां नहीं दी गई और वह उन्हें जलाने में चुस्ती बरत रहे थे। इस मामले में ही सिविल अस्पताल ऊना के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि कैसे गरीबों को मुफ्त में बांटी जाने वाली दवाइयों को नहीं दिया गया।
लाखों रुपये की दवाइयां अस्पताल के स्टोर में पड़ी रहीं और एक्सपायर हो गई जबकि अस्पताल प्रशासन पूरे मामले पर सुस्त रहा। जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी पूरे मामले पर सरकार ने तलब किया है कि इस मामले पर लापरवाही क्यों बरती गई है? इसके साथ ही बुधवार को सभी जिलों के सीएमओ व एसएमओ को सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि अब दवाइयां यदि उनके अधीन अस्पतालों में गरीबों को नहीं बांटी गई और एक्सपायर हुई तो वे इसके जिम्मेदार होंगे। उन्हें दवा स्टोर का निरीक्षण करना होगा और रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजनी होगी। यदि किसी अस्पताल में दवाइयां अधिक हैं या एक्सपायर होने वाली हैं तो उसे दूसरे अस्पतालों में भेजा जाए। दूसरी और ऐसा न होने पर सभी प्रशासनिक अधिकारी भी नपेंगे। चिंतपूर्णी में एक्पायरी दवाइयों को जलाने का प्रयास किया गया था। स्वास्थ्य निदेशालय के पदाधिकारियों का कहना है कि दवाइयां गरीबों तक पहुंचें और लोगों को समय से मिलें, इसके लिए विभाग पहले सभी जिलों के सीएमओ से मांग करता है कि अपने जिलों से खपत का ब्योरा और मांग को भेजो। उसके आधार पर दवाइयां दी जाती हैं।
अस्पतालों में अब यदि दवाइयां स्टोर में ही एक्सपायर होती हैं तो उसकी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। सीएमओ व एसएमओ इसके लिए जिम्मेदार होंगे। चिंतपूर्णी मामले में चीफ फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया है।
डॉ. डीएस गुरंग, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग