हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट नहीं हुई सार्वजनिक
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अब तक हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अब तक हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर पाया है। हालांकि प्रशासन फीस बढ़ाने को दूसरी बार तैयार है। वर्ष 2015 में फीस बढ़नी चाहिए या नहीं मामले पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित हुई थी। इसकी रिपोर्ट पर अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ है, जबकि विश्वविद्यालय फिर से फीस बढ़ाकर विद्यार्थियों पर बोझ डालने की तैयारी कर रहा है। विश्व विद्यालय की ओर से दस फीसद फीस को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हाल में हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में फीस बढ़ाने पर चर्चा तो हुई, लेकिन इस पर मुहर नहीं लगी। ऐसे में अगली बार होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में फीस बढ़ाने पर मुहर लग सकती है, यदि विवि प्रशासन की ओर से फीस को फिर से बढ़ाया जाता है तो विद्यार्थियों को महंगी शिक्षा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पीजी के विद्यार्थियों पर पड़ेगा बोझ
यूजी और पीजी के करीब तीन लाख विद्यार्थियों पर फीस वृद्धि का बोझ पड़ेगा। सबसे ज्यादा बोझ पीजी के विद्यार्थियों पर पड़ेगा। विवि की ओर से पिछली बार 60 फीसद से अधिक फीस बढ़ाई गई थी। प्राइवेट एमए की फीस को 80 रुपये से बढ़ाकर सीधा एक हजार रुपये किया गया है। इसी तरह एमसीए की फीस पहले 80 रुपये थी, इसे बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया था।
आरएमसी ने रखा था प्रस्ताव
विवि की ओर से गठित आरएमसी (रिसोर्स मोबलाइजेशन कमेटी) ने यह सुझाव ईसी को दिया था कि वह हर वर्ष 10 फीसद फीस बढ़ाए। ईसी ने फैसला लिया कि हर बार फीस को बढ़ाया जाएगा। कमेटी ने पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की फीस को भी गहनता से स्टडी किया। वर्ष 2006-07 में दस फीसद फीस बढ़ी। वर्ष 2014 में 60 फीसद से अधिक फीस बढ़ी। अब वर्ष 2016-17 में फीस को दस फीसद बढ़ाने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री के पास ले जाएंगे मामला
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद फीस वृद्धि मामले पर अगस्त 2015 में हाई पावर कमेटी बनी थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय में जमा करवा दी है। इसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। ऐसे में जब कमेटी ने फीस वृद्धि को उचित नहीं ठहराया है। एबीवीपी मामला मुख्यमंत्री के पास लेकर जाएगी। ऐसे में जब उनके आश्वासन पर हमने छात्र आंदोलन कम किया था।
गौरव अत्री, विवि परिसर अध्यक्ष, एबीवीपी।
रिपोर्ट करनी होगी सार्वजनिक
विश्वविद्यालय को फीस वृद्धि पर हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी होगी। एसएफआइ एक भी पैसा फीस नहीं बढ़ने देगी। अगले सत्र से मामले पर संगठन आंदोलन शुरू करेगा। छात्र संगठनों के आंदोलन के बाद यह कमेटी गठित की गई थी।
- नोवल ठाकुर, विवि परिसर अध्यक्ष, एसएफआइ।