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कांफ्रेंस फेफड़ों पर, भेजा बाल रोग विशेषज्ञ

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में सरकारी पैसों पर चहेतों को विदेश की खूब सैर करवाई जा रही है।

By Edited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 01:02 AM (IST)
कांफ्रेंस फेफड़ों पर, भेजा बाल रोग विशेषज्ञ

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में सरकारी पैसों पर चहेतों को विदेश की खूब सैर करवाई जा रही है। इससे सरकारी खजाने को जमकर चपत लग रही है। लाखों रुपये ऐसे विदेश दौरों पर खर्च हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अफसरशाही पर अंगुलियां उठ रही हैं क्योंकि चिकित्सकों के विदेश दौरों के लिए वहीं से मंजूरी मिलती है। लिहाजा 'चुस्त कार्यशैली' एक बार फिर सुर्खियों में है।

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प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आइजीएमसी शिमला के ऐसे अधिकारी को इस बार विदेश की सैर करवाने को स्वीकृति दी गई है जिनका वहां हो रहे स्वास्थ्य सम्मेलन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। वह बाल रोग विशेषज्ञ हैं। बतौर प्रशासनिक अधिकारी आइजीएमसी में सालों से जिम्मा देख रहे इन अधिकारी को सरकार ने फेफड़ों से संबंधित बीमारियों पर हो रही 46वीं व‌र्ल्ड हेल्थ कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका भेज दिया है। हालांकि इस अधिकारी को जिस विषय में महारत हासिल है, उस विषय में मरीजों को दवा लिखे हुए भी उन्हें जमाने हो गए हैं। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में 120 देशों के फेफड़ों की बीमारियों को दूर करने वाले विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। क्षय रोग, निमोनिया, अस्थमा, तंबाकू आदि से फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को लेकर मंथन होगा। फेफड़ों की बीमारियों के लिए कौन कारक जिम्मेदार हैं और उनका क्या प्रभाव रहता है, इन मुद्दों पर चर्चा होगी। फेफड़ों की बीमारी से बचने के लिए एक-दूसरे देशों के बीच इलाज को क्या प्रगति हुई है, चिकित्सक इस पर अनुभव साझा करेंगे। मरीजों के लिए कौन सी आधुनिक तकनीक चिकित्सा जगत में कारगार हो रही है, इस पर भी चिकित्सक चर्चा करेंगे। यह कांफ्रेंस दो से छह दिसंबर तक होगी।

चिकित्सकों में सुगबुगाहट

व‌र्ल्ड हेल्थ कांफ्रेंस में ऐसे चिकित्सकों को भेजने से गुरेज किया गया जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा व आइजीएमसी में संबंधित बीमारियों को लेकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन को संभालने वाले चिकित्सक को अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में भेजने की मंजूरी क ो लेकर चिकित्सकों के बीच सुगबुगाहट है कि सरकारी पैसों के दुरुपयोग पर रोक लगनी चाहिए। यदि सरकार की ओर से ऐसे अधिकारियों के लिए न्योता आता भी है तो अस्पताल प्रमुख अधिकारियों को संबंधित विभाग के विशेषज्ञों के लिए प्राथमिकता दर्शाई जानी चाहिए ताकि जनता व ऐसे मरीजों को अत्याधुनिक तकनीकों से शीघ्र राहत मिल सके। इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत चौधरी से संपर्क साधने की कोशिश की गई मगर वह व्यस्तता के कारण प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए।

कौल सिंह भी जाएंगे दक्षिण अफ्रीका

बताया जा रहा है कि कांफ्रेंस के लिए स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह भी दक्षिण अफ्रीका जा रहे हैं। वह दो दिसंबर को वहां जाकर कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे। कांफ्रेंस में अत्याधुनिक तकनीक से फेफड़ों की बीमारी के इलाज को लेकर हो रहे मंथन का हिमाचल के लोगों क ो भी फायदा मिलेगा।

कुछ सीखने ही जा रहे हैं

आइजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी भी चिकित्सक हैं। वह विदेश कुछ सीखने ही जा रहे हैं। पात्र-अपात्र का इसमें कोई फर्क नहीं है। वह कांफ्रेंस में जा सकते हैं।

ठाकुर कौल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री


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