अमित शाह के बयान पर भाजपाई मौन
राज्य ब्यूरो, शिमला : साठ साल के बाद नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर हो जाना चाहिए। भाजपा के राष्ट्र
राज्य ब्यूरो, शिमला : साठ साल के बाद नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर हो जाना चाहिए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान पर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों व प्रदेशाध्यक्ष से कुछ ठीक से बोलते नहीं बन रहा।
अमित शाह के कथन में क्या पृष्ठभूमि रही, इसकी आड़ में तीनों नेता कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से बचते रहे। बहरहाल मोदी ने 70 साल की आयु पूरी कर चुके नेताओं को एनडीए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था यानि मंत्री बनने के लिए आयु सीमा तय की थी। वहीं, अमित शाह ने एक कदम आगे निकलते हुए सक्रिय राजनीति के लिए 60 साल को पर्याप्त बताया है। हिमाचल प्रदेश में यदि आयु सीमा का यह फार्मूला अमल में लाया गया तो शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल सहित दस विधायकों को राजनीति छोड़नी पड़ेगी।
मैं मानता हूं कि अमित शाह के कहने का मकसद राजनीति छोड़ने से नहीं रहा होगा। जो सामने आया है, उसके पीछे मंशा कुछ और हो सकती है।
- सतपाल सिंह सत्ती, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
पहले तो यह पता चलना चाहिए कि ऐसा कहने के पीछे संदर्भ क्या था। इसलिए संदर्भ को समझे बिना कुछ कहना उचित नहीं है।
- प्रेम कुमार धूमल, नेता प्रतिपक्ष
पार्टी में महज चार ही नहीं बल्कि कुछ और नेता भी हैं जो इस समय अहम पदों पर हैं। इस संदर्भ में कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता हूं।
-शांता कुमार, सांसद, लोकसभा।