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कला व संस्कृति के उत्थान के नहीं हुए प्रयास

देश में कला एवं संस्कृति के उत्थान के लिए कभी कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए हैं। राजनीति के बदलते समीकरण व अफसरशाही इस पर हावी हुई है यही कारण है कि आजादी के कई साल बीतने के बाद भी देश की बहुमूल्य कला व संस्कृति स्तरोन्नत नहीं हो पाई

By Neeraj Kumar Azad Edited By: Published: Tue, 08 Sep 2015 12:10 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2015 12:13 PM (IST)
कला व संस्कृति के उत्थान के नहीं हुए प्रयास

राज्य ब्यूरो, शिमला : देश में कला एवं संस्कृति के उत्थान के लिए कभी कोई विशेष कदम नहीं उठाए गए हैं। राजनीति के बदलते समीकरण व अफसरशाही इस पर हावी हुई है यही कारण है कि आजादी के कई साल बीतने के बाद भी देश की बहुमूल्य कला व संस्कृति स्तरोन्नत नहीं हो पाई है। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में थर्ड रविंद्रनाथ टैगोर मेमोरियल लेक्चरर देते हुए नेशनल ड्रामा स्कूल के चेयरमैन रत्न थियाम ने कहा कि यह सब मैं कई बार समझने की कोशिश करता आया हूं। कला व संस्कृति के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। सरकारों को भी इस संबंध में गंभीर होना होगा।

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