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जेबीटी पेपरों की जांच में गड़बड़ी

राज्य ब्यूरो, शिमला : जेबीटी अभ्यर्थियों के पेपर मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। हाल ही में हुई

By Edited By: Published: Thu, 03 Sep 2015 07:50 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2015 07:50 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, शिमला : जेबीटी अभ्यर्थियों के पेपर मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। हाल ही में हुई जेबीटी प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा का मूल्यांकन ऊना जिले की डाईट (जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान) में ऐसे हाथों में सौंप दिया है, जिनकी उन विषयों में खुद की पकड़ नहीं है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाई परीक्षा में बैठे हजारों जेबीटी छात्रों का भविष्य अंधकार में है।

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डाईट में 1500 से अधिक छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं ऐसे शिक्षक जांच रहे हैं, जो विषय उन्होंने न पढ़ा न ही पढ़ाया। सभी 11 विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं यहां मूल्यांकन के लिए पहुंची हैं। मनोविज्ञान, शारीरिक शिक्षा व गणित के शिक्षक यहां हैं ही नहीं। नतीजतन मनोविज्ञान के पेपर कंप्यूटर शिक्षक, शारीरिक शिक्षा के कृषि के शिक्षक व गणित के पेपर भी शिक्षा प्रौद्योगिकी के शिक्षक के हाथों में मूल्यांकन के लिए सौंप दिए है। यही नहीं, प्रधानाचार्य जिन्होंने कभी जेबीटी अभ्यर्थियों को पढ़ाया तक नहीं, भी पेपर जांचने में व्यस्त हैं।

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पैसे का खेल तो नहीं

एक उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने के लिए शिक्षक को छह रुपये मिलते हैं। सवाल ये कि कहीं हजारों रुपये के वित्तीय लाभ के चक्कर में जेबीटी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा है। प्रदेश की सभी डाईट में 5600 के करीब छात्रों ने जेबीटी प्रथम व द्वितीय वर्ष की वार्षिक परीक्षा जून व जुलाई में दी है।

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11 विषयों में पढ़ाई

जेबीटी प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, शारीरिक शिक्षा के अतिरिक्त दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, शिक्षा प्रौद्योगिकी, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट और म्यूजिक एंड आ‌र्ट्स 11 विषय पढ़ाए जाते हैं।

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कंप्यूटर व एग्रीकल्चर के शिक्षक डाईट में मनोविज्ञान व शारीरिक शिक्षा विषय पढ़ा रहे हैं। इसके चलते इन्हें उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का भी जिम्मा मिला है। शिक्षा प्रौद्योगिकी विषय के शिक्षक एमएससी व एमएड के डिग्री धारक हैं, इसलिए वह गणित के पेपर जांच रहे हैं। विभिन्न डाईट के जेबीटी प्रथम वर्ष के छात्रों की प्रत्येक विषय में साढे़ पांच सौ से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं का यहां मूल्यांकन हो रहा है।

- कमल सिंह, प्रधानाचार्य, डाइट, जिला ऊना।

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गड़बड़ी पर पुनर्मूल्यांकन

ऊना डाईट में यदि पेपर जांच में गड़बड़ी हुई है तो पेपरों का पुनर्मूल्यांकन करवाया जाएगा। प्रधानाचार्य से रिपोर्ट तुंरत प्रभाव से मांगी जाएगी कि कौन का पेपर किस विषय के शिक्षक ने जांचा।

- डॉ. राजकृष्ण प्रुथी, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा।

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मामला ध्यान में नहीं है। फिर भी जांच होगी।

- विनीत, सचिव, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड।


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