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एक महीना बढ़ी गृहकर जमा करने की तारीख

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के करीब 25 हजार से अधिक भवन मालिकों को बड़ी राहत मिल गई है। गृहकर जमा कर

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 07:35 PM (IST)
एक महीना बढ़ी गृहकर जमा करने की तारीख

जागरण संवाददाता, शिमला : शहर के करीब 25 हजार से अधिक भवन मालिकों को बड़ी राहत मिल गई है। गृहकर जमा करने के लिए नगर निगम ने तिथि एक महीने बढ़ा दी है। शुक्रवार को आयोजित नगर निगम की बैठक में प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत इस मामले को पार्षद सुरेंद्र शर्मा ने उठाया।

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गृहकर जमा करने की आखिरी तिथि 31 मई निर्धारित थी। अभी तक 10 हजार भवन मालिकों ने ही गृहकर जमा करवाया है। 25 हजार से अधिक भवन मालिकों को गृहकर जमा करना है। नगर निगम को यूनिट एरिया मेथड से 2.25 करोड़ के करीब आय हो चुकी है। अगर सभी भवन मालिक गृहकर जमा करते हैं तो निगम को करीब 20 करोड़ की आय प्राप्त हो सकती है। बैठक की अध्यक्षता मेयर संजय चौहान ने की। बैठक में विधायक सुरेश भारद्वाज भी मौजूद रहे। पहला हाउस दोपहर दो बजे शुरू हुआ। हालांकि पार्षदों ने मेयर से संतोषजनक जवाब न आने के बाद जमीन पर बैठ कर विरोध किया लेकिन बाद में दोबारा सदन में पहुंच गए।

यह है प्रक्रिया

नगर निगम वेबसाइट, सैहब सुपरवाइजर और वार्ड पार्षद से ई-फार्म प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा निगम के कर्मचारी खुद भी घर-घर जाकर फार्म बांटने का कार्य कर रहे हैं। मार्च से ही सभी भवन मालिकों को बिल जारी करने का काम शुरू कर दिया गया था। शहर के 25 वार्डो में अभी तक 15 हजार से अधिक सेल्फ असेसमेंट फार्म बांटे गए हैं। इनमें से तीन हजार फार्म निगम को मिल चुके हैं। सैहब सोसायटी के सुपरवाइजर घर-घर जाकर अभी भी फार्म बांट रहे हैं। भवन मालिक को सेल्फ असेसमेंट के आधार पर भवन का क्षेत्र नापना होगा। निगम के तहत पूरे शहर से पिछले दो साल का गृहकर वसूला जाना है। सारी औपचारिकताएं नगर निगम ने पूरी कर ली हैं। निगम के पुराने क्षेत्र में 28,556 भवन व मर्ज एरिया के तहत 18,948 भवन आते है। ऐसे में करीब 48 हजार भवन मालिकों से गृहकर वूसल किया जाना है।

सीवरेज सेस का मामला जाएगा सरकार के पास

राजधानी शिमला में पानी बिल पर लगने वाले सीवरेज सेस को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 फ ीसद कर दिया गया है। इसे कम करने का मामला अब सरकार को भेजा जाएगा। मासिक सदन में इस मामले का भेजने की मंजूरी मिल चुकी है। अक्टूबर 2014 से मार्च 2015 तक के पानी बिलों में 50 प्रतिशत सीवरेज सेस जोड़ा जा रहा है। उपभोक्ताओं को अब पानी बिल की आधी राशि का सीवरेज सेस चुकाना होगा। अक्टूबर 2014 से मार्च 2015 तक पानी बिल 209 रुपये प्रतिमाह की जगह 273 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से भेजे जा रहे हैं। साल 2014 में पानी का बिल एकमुश्त जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं को बिलों में एरियर की राशि जोड़कर दी जा रही है। अप्रैल और मई में पानी बिल 375 रुपये चुकाना होगा। वित्तीय वर्ष 2015.16 के लिए राज्य सरकार ने फ्लैट बिल की राशि 250 रुपये तय की है। 250 रुपये का 50 प्रतिशत यानी 125 रुपये उपभोक्ताओं को सीवरेज सेस चुकाना पड़ेगा। अप्रैल व मई में उपभोक्ताओं को 375 रुपये प्रतिमाह पानी बिल चुकाना होगा। साल 2014 के दौरान एक साल का पानी बिल एकसाथ जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं ने सीवरेज सेस 15 प्रतिशत के हिसाब से जमा करवाया है। इन उपभोक्ताओं से नगर निगम अब 35 प्रतिशत शेष सीवरेज सेस वसूलेगा। इसके अलावा अक्टूबर में छह महीने का पानी बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ताओं से भी 35 प्रतिशत एरियर वसूला जाएगा।

पहली जून से ऑनलाइन जमा होंगे बिल

शिमला के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब न तो लंबी कतारों में लगना पड़ेगा और न उनका समय बर्बाद होगा। नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी बिलों का भुगतान मोबाइल फोन के माध्यम से या ऑनलाइन किया जा सकेगा। पहली जून से पानी, बिजली व गृहकर के बिल ऑनलाइन जमा होंगे। अभी तक नगर निगम के काउंटर पर बिजली, पानी, प्रापर्टी टैक्स जैसे बिल जमा किए जाते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को चार रुपये सर्विस टैक्स के रूप में चुकाने पड़ेंगे। नगर निगम शिमला के दायरे में आने वाले लोगों को बिजली, पानी समेत अन्य बिल जमा करवाने के लिए निगम कार्यालय पहुंचना पड़ता था। नगर निगम शिमला का दायरा 20 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। ऐसे में कई लोगों को आने में समस्या होती थी। नई व्यवस्था होने से अब लोग अपने बिल ऑनलाइन जमा करवा सकेंगे।

यह बिल होते हैं निगम में जमा

नगर निगम शहर के लोगों को सुविधाएं प्रदान करता है जिसके बदले कुछ टैक्स वसूली या फीस लेता है। इसमें बिजली, पानी, प्रॉपर्टी टैक्स, नक्शा पास करवाने की फीस, दुकानों के लाइसेंस की फीस, जन्म मृत्यु पंजीकरण फीस, विवाह पंजीकरण फीस, सीवरेज बिल समेत कई अन्य बिल शामिल हैं। ये बिल नगर निगम कार्यालय में ही जमा होते हैं। इससे पहले नगर निगम दायरे में आने वाले लोगों को बिजली, पानी व प्रॉपर्टी टैक्स समेत अन्य सभी बिल निगम कार्यालय में आकर जमा करवाने पड़ते थे। निगम का दायरा टुटू से लेकर ढली तक फैला हुआ है। शिमला नगर निगम कार्यालय से टुटू की दूरी करीब 10 किलोमीटर हैए जबकि ढली आठ किलोमीटर है। लोगों को निगम कार्यालय पहुंचने के लिए एक घटे तक का समय लग जाता है। ऐसे में नई सुविधा से उन्हें काफी लाभ मिलेगा।

बुजुर्गो को मिलेगी राहत

निगम कार्यालय में बिल जमा करवाने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग व महिलाएं आती हैं। उन्हें कतारों में खड़े रहने में मुश्किलें आती हैं। इसके अतिरिक्त जब लोग छुट्टियों में शहर से बाहर जाते हैं तथा घर पर उनके बिजली पानी के बिल जमा नहीं होते तो उन्हें वापस आकर ये बिल पेनल्टी के साथ जमा करवाने पड़ते हैं। ऐसे में इन लोगों को बैंक या मोबाइल सुविधा से बिल जमा करवाने से बड़ी राहत मिलेगी।

वार्ड स्तर पर लगाए जाएं काउंटर

छोटा शिमला के पार्षद सुरेंद्र चौहान का कहना है कि अभी बड़ी संख्या में भवन मालिकों को अपना गृहकर जमा करवाना है। नगर निगम में टैक्स जमा करने के लिए केवल एक ही काउंटर है। ऐसे में भवन मालिकों को टैक्स जमा करवाने में परेशानी आ रही है। खासकर बुजुर्ग लोगों को सबसे अधिक दिक्कतें आ रही हैं। भवन मालिकों की सुविधा के लिए वार्ड स्तर पर भी गृहकर जमा करने के काउंटर लगाए जाने चाहिए


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