भराड़ी क्षेत्र में लोग बस सुविधा से वंचित
जागरण संवाद केंद्र, शिमला : राजधानी के भराड़ी क्षेत्र में लोग बस की सुविधा से वंचित हैं। एचआरटीसी प्र
जागरण संवाद केंद्र, शिमला : राजधानी के भराड़ी क्षेत्र में लोग बस की सुविधा से वंचित हैं। एचआरटीसी प्रशासन ने लोगों की समस्या को दूर करने के लिए बसें तो लगाई लेकिन यह बसें उन क्षेत्रों में लगाई जहां पर पहले से बसों की सुविधा थी। आलम तो यह है कि यह क्षेत्र शिमला में वार्ड नंबर 1 में आता है। जब इस वार्ड में लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं तो बाकी वार्डो की तो दूर की बात है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बसों की समस्याओं को लेकर निगम प्रशासन से भी बात की गई है लेकिन उन्होंने बताया कि जब नई बसें आएंगी तो पहले इस क्षेत्र में ही बसें लगाई जाएंगी। उसके बाद नई बसें तो आई हैं यह इस क्षेत्र में नहीं चल सकती हैं। क्योंकि यह स्टैंडर्ड बसें हैं। भराड़ी से शहर की ओर आने वाले लोगों को अब दो ही बसें हैं वह भी समयानुसार नहीं चलती है। इसके अलावा वहां पर दो बसें और चलती थी। जोकि एक सुबह 7.40 पर एवं दूसरी बस 12 बजे चलती थी वह भी आजकल बंद हो गई है। लोगों को अब या तो पैदल जाना पड़ता है या फिर लोअर भराड़ी के लिए जाना पड़ता है। इससे पहले लक्कड़ बाजार से भराड़ी के लिए टैक्सियां तो चलती थीं आजकल वह भी बंद हुई है। अब इस क्षेत्र में लोगों के लिए बस एवं टैक्सियों की कोई सुविधा नहीं है। जिससे कि लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने एचआरटीसी प्रशासन से बसों को चलाने की मांग की है।
बच्चों को स्कूल जाने में आती है परेशानी..
भराड़ी से लक्कड़ बाजार आने के लिए बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। फरवरी में जैसे ही बच्चों के स्कूल खुलेंगे तो बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के साथ खुद पैदल चलकर बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने पड़ते हैं। बच्चों के लिए भी न तो स्कूल की बसें हैं और न ही अन्य कोई सरकारी बसें हैं। वहीं ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों को भी रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग..
रविंद्र ठाकुर : बसों की समस्याओं को लेकर तीन बार एचआरटीसी प्रशासन से बात की गई है लेकिन फिर भी इनके द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जनता बहुत परेशान है।
नरेंद्र सिंह वर्मा : पहले लक्कड़ बाजार से भराड़ी के लिए टैक्सियां तो चलती थीं लेकिन अब वह भी बंद हो गई है। अब लोग बसों की समस्याओं से वंचित हैं।
बलिराम वर्मा : ज्यादातर बुजुर्गो को परेशानियां आती हैं उन्हें चार घंटे तक सड़कों में ही बसों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
रमन : लोगों को लोअर भराड़ी से होकर सफर करना पड़ता है वहां पर जाने के लिए भी आधा घंटा पैदल सफर करना पड़ता है तभी बस मिल पाती है।
बाल कृष्ण : जब बच्चों के स्कूल लगे होते हैं तो अध्यापक अभिभावकों के लिए पत्र भेजते हैं। बसों की बहुत दिक्कत है। जब बसों की सुविधा नहीं तो अभिभावक भी क्या करेंगे।
विनोद सूद : पहले इस क्षेत्र में टैक्सियां चलती थीं लेकिन अब बंद हो गई हैं। अगर यहां पर टैक्सियां नहीं चलेंगी तो लोगों को सफर करने में इससे भी ज्यादा परेशानी होगी। टैक्सियां चलना जरूरी है।
नारायण सिंह :
इस क्षेत्र में बसों का चलना जरूरी है क्योंकि जनता बहुत परेशान है। इस समस्या को लेकर एचआरटीसी प्रशासन से भी मिलेंगे।
अनिता सूद : अभी से डर लग रहा है कि बच्चों को स्कूल कैसे भेजना है। बच्चों के लिए गाड़ियों की कोई सुविधा नहीं है। फरवरी माह में स्कूल खुल जाएंगे।
अजय सूद : अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसे अस्पताल पहुंचाने में भी दिक्कत आती है पहले टैक्सियां चलती थी अब वह भी बंद है।
प्रोमिला सूद : बसें न चलने के कारण बच्चों को स्कूल जाने के लिए बहुत दिक्कत आती है। उन्हें पैदल ही जाना पड़ता है समय से स्कूल भी नहीं पहुंच पाते हैं।