विद्यार्थी परिषद ने बनाई संघर्ष की रणनीति
संवाद सहयोगी, शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार पर छात्र विरोधी निर्णय को लागू कर
संवाद सहयोगी, शिमला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार पर छात्र विरोधी निर्णय को लागू करने और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर रोष व्यक्त किया है। इसके लिए विद्यार्थी परिषद 30 जनवरी से 27 फरवरी तक जन अभियान छेड़ेगी। बुधवार को प्रैस वार्ता के दौरान एबीवीपी प्रांत मंत्री आशीष सिक्टा ने कहा कि 25 जनवरी को बिलासपुर में प्रांत कार्यकारी परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें सबसे पहले पालमपुर यूनिवर्सिटी में कुलपति पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। विद्यार्थी परिषद ने इस संबध में प्रदेश सरकार को चार्जशीट भी सौंपी है। इसके अलावा फीस बढ़ोतरी और छात्र संघ चुनावी बहाली पर भी प्रदेश सरकार नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है। हाई पवार कमेटी की रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। वर्तमान समय में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वर्ष 2013 की तुलना में 2014 में 55 मर्डर, 129 बलात्कार की घटनाएं हुई हैं। सड़क हादसों और अवैध खनन पर भी सरकार सचेत नहीं है। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इन सभी मुददों पर गंभीरता से कार्य करने की योजना बनाई है।
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विद्यार्थी परिषद इन मुददों पर छेड़ेगी अभियान...
-प्रदेश के सभी जिला केंद्रों में 30 जनवरी को भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना प्रदर्शन।
-फरवरी के पहले सप्ताह में पालमपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति के खिलाफ होगा आंदोलन
-6 फरवरी को छात्र संघ चुनाव बहाली, हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट का खुलासा, च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ सभी जिला केंद्रों में प्रदर्शन।
-9 फरवरी को नशा संकल्प के तहत सभी शिक्षण संस्थानों में पर्चा वितरण।
-10 फरवरी को सभी जिला केंद्रों में मैराथॉन रैली।
-11 फरवरी से 16 फरवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों में संकल्प सभाएं।
-17 फरवरी को सभी महाविद्यालय में ईकाई स्तर पर छात्र मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन
-19 फरवरी को सभी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी परिषद के संगठनात्मक विस्तार के लिए ईकाई दर्शन प्रवास का आयोजन।
-22 से 27 फरवरी तक सत्ता पक्ष, मंत्री और विधायकों के आवास स्थान का घेराव।