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बीपीएल सूची से बाहर हों रिश्तेदार

-गरीबों के चयन में गड़बड़ी पर मुख्यमंत्री की पंचायत प्रतिनिधियों-अधिकारियों को फटकार -शिकायत निवार

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 09:01 PM (IST)
बीपीएल सूची से बाहर हों रिश्तेदार

-गरीबों के चयन में गड़बड़ी पर मुख्यमंत्री की पंचायत प्रतिनिधियों-अधिकारियों को फटकार

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-शिकायत निवारण समिति की बैठक में उठा बंदरों का मसला

मुख्य बिंदु

-दो विधानसभा क्षेत्र की पंचायत को बांटने पर विचार।

-पंचायतें स्वयं करें सरायों का मरम्मत कार्य

-पट्टों के नियमितीकरण गुणदोष के आधार पर

-जीभी से गाड़ा-गुसैणी सड़क निर्माण के कार्य शीघ्र

-चंबा अस्पताल में होगी एनेस्थीसिया चिकित्सक की तैनाती

-सायरी में मनरेगा कामगारों को वेतन न मिलने की होगी जाच

राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीपीएल सूची में गड़बड़ी की शिकायत पर पंचायत प्रतिनिधियों व अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने आदेश दिया कि सूची से नाते रिश्तेदार बाहर किए जाएं। शिमला स्थित सचिवालय में शनिवार को आयोजित राज्यस्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने संबंधित विभागों को सूची की विसंगतिया दूर करने का भी निर्देश दिया। ध्यान में आया है कि गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए जो लाभ मिलने चाहिए, उन्हें वे लाभ नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश की जिन पंचायतों का कुछ भाग विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्सीमांकन के कारण दूसरे विधानसभा क्षेत्र में आया है, उनसे प्रस्ताव प्राप्त होने पर दो पंचायतें बनाने पर विचार किया जाएगा। पंचायतों के विभाजन से संबंधित प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल उन्हीं पंचायतों के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा, जो पुनर्सीमाकन के कारण प्रभावित हुई हैं। पंचायतों को सराए जैसे छोटे भवनों की मरम्मत कायरें की जिम्मेवारी स्वयं उठानी चाहिए।

द ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की परिधि क्षेत्र में रह रहे लोगों के मासले पर उन्होंने कहा कि यहा रहने वाले लोगों के अधिकारों बरकरार व सुरक्षित रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बंदरों और लावारिस पशुओं की समस्या गंभीर है तथा प्रदेश सरकार ने बंदरों के निर्यात के संदर्भ में कई बार मामला केंद्र से उठाया है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में पट्टों के नियमितीकरण से संबंधित मामलों को मेरिट के आधार पर जाचा जाएगा तथा संबंधित उपायुक्त प्रत्येक मामले का अध्ययन वन विभाग से विचार-विमर्श के साथ करेंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वन स्वीकृतियों के मामलों को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि बिना बिलंब से सड़कों का निर्माण किया जा सके। जलोड़ी दर्रा के नीचे सुरंग के निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया गया है। कुल्लू जिले के जीभी से गाड़ा-गुसैणी सड़क निर्माण के कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने मार्च, 2015 तक बंजार में लघु सचिवालय के निर्माण को पूरा करने का भी आश्वासन दिया।

वीरभद्र ने चंबा अस्पताल में एनेस्थीसिया चिकित्सक की तैनाती का भी निर्देश दिया। चंबा बस अड्डे के निर्माण के साथ-साथ टैक्सी स्टैंड के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को बैजनाथ की ग्राम पंचायत कंदराल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण के लिए वन स्वीकृति का मामला शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। सोलन के सायरी में मनरेगा कामगारों को देय राशि की अदायगी न होने पर संबंधित अधिकारियों को जाच के निर्देश दिए। घुमारवीं में पेयजल स्रोत के पास कूड़ा फेंकने पर उन्होंने कड़ा निर्देश किया।

बैठक में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली, वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनी राम शाडिल, ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा, मुख्य संसदीय सचिव, विधायक, पूर्व विधायक, बोडरें एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव पी मित्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव तथा प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं गैर सरकारी सदस्य थे।


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