एसएफआइ का सचिवालय के बाहर जमकर प्रदर्शन
राज्य ब्यूरो, शिमला : केंद्रीय छात्र संघ चुनाव पर प्रतिबंध व फीस वृद्धि का गुस्सा सोमवार को एसएफआइ ने सचिवालय में निकाला। विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के दोनों निर्णयों के खिलाफ संगठन ने सचिवालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और सरकार से मामले में हस्तक्षेप करते हुए छात्र हित में निर्णय सुनाने की मांग की। इस दौरान छात्र नेताओं ने केंद्रीय छात्र संघ चुनाव को बहाल करने व फीस वृद्धि निर्णय को वापस करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा। एसएफआइ ने मुख्यमंत्री से कुलपति को हटाने की मांग भी की। सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे छात्रों को एसएफआइ राज्य सह सचिव पुनीत धांटा, जिला सचिव चंद्रकांत वर्मा, प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व एससीए सचिव पीयूष सेवाल ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश रूसा व फीस वृद्धि को सही ठहराने के लिए प्रशासन ने एससीए चुनाव पर प्रतिबंध लगाया है। ताकि छात्र सरकार व प्रशासन की नीतियों का विरोध न करे।
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आज बाजारों से निकलेगी रैली...
छात्र संघ चुनाव बहाल करने के लिए आज मंगलवार को एसएफआइ प्रदेश के अधिकांश बाजारों से रैली निकालेगी, इसमें आम लोगों को जोड़ने का लक्ष्य भी संगठन ने रखा है। एसएफआइ राज्य सचिव मुनीष ने कहा कि फीस वृद्धि का निर्णय हर परिवार से जुड़ा है। इस कारण अब आंदोलन में आम जनता को भी जोड़ा जाएगा, ताकि फीस वृद्धि का निर्णय वापस हो और आम छात्र भी शिक्षा के हकदार बन सकें। इसके अतिरिक्त एसएफआइ की तीसरे दिन भी क्रमिक भूख हड़ताल जारी रही। इसमें विधि विभाग प्रथम सेमेस्टर के सुशांत कुमार, एमए संस्कृत के तृतीय सेमेस्टर सचिन व एमबीई प्रथम समेस्टर से राजीव सिंह भूख हड़ताल पर बैठे।