प्रदेश लोक सेवा आयोग बनाएगा आधुनिक पुस्तकालय
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग नए खंड में एक आधुनिक पुस्तकालय का निर्माण करेगा जो अभ्यार्थियों को हिमाचल प्रशासनिक सेवा तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा आदि जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी मददगार साबित होगा। यह पुस्तकालय देशभर में अपनी तरह का पहला पुस्तकालय होगा। प्रदेश सरकार ने नए खंड के निर्माण के लिए 2.80 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा के अध्यक्ष केएस तोमर ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल उर्मिला सिंह को वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 की वार्षिक रिपोर्ट की प्रतिया भेंट की, जिन्हें बाद में सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा। उन्होंने राज्यपाल को अपने कार्यकाल के प्रथम वर्ष में उनके द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों की जानकारी दी, जिनका वाछित परिणाम प्राप्त हुआ है। उर्मिला सिंह ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए आशा जताई की यह सुधारात्मक कदम आयोग के सुदृढ़ीकरण में कारगर होंगे तथा इसके अलावा आयोग की विभिन्न परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए सुविधादायी होंगे।
तोमर ने राज्यपाल को आयोग की टोल फ्री सेवा की सफलता के बारे में भी जानकारी दी, जिससे हजारों विद्यार्थी विशेषकर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त हुआ है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रार्थना पत्र सही तरह से नहीं भर पाने के कारण प्रार्थियों के सैंकड़ों फार्म अस्वीकृत किए जाते थे, जिससे अभ्यार्थियों का एक वर्ष बेकार चला जाता था। एक वर्ष में आयोग के प्रशिक्षित कर्मचारियों के दिशा-निर्देशन में अस्वीकृत आवेदनों का अनुपात तेजी से कम हुआ है।
अध्यक्ष ने राज्यपाल को आयोग में लागू किए गए सुधारों जैसे ई-पेमेंट, परीक्षा केंद्रों में जैमर स्थापित करना, गोपनीयता बनाए रखने के लिए बार कोड प्रणाली, हिमाचल प्रशासनिक सेवा तथा हिमाचल न्यायिक सेवा जैसी परम्परागत परीक्षाओं के लिए ऑप्टिकल मार्कर रीडर (ओएमआर) आउटरशीट आदि के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ई-पेमेंट प्रणाली को लागू करने के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 29 नवंबर 2013 को पंजाब नेशनल बैंक के साथ एक समझौता किया है, जिससे विद्यार्थियों विशेषकर दूरदराज क्षेत्रों के विद्यार्थियों को सुविधा प्राप्त हुई है। तोमर ने कहा कि 6.48 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का ई-गवनर्ेंस परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेजा गया गया है। आयोग के सचिव बीसी बढालिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।