समयसीमा पूरी, काम रहा अधूरा
मंडी : मंडी शहर के ऐतिहासिक पड्डल मैदान जिसे शहर की लाइफ लाइन कहा जाता है के साथ
मंडी : मंडी शहर के ऐतिहासिक पड्डल मैदान जिसे शहर की लाइफ लाइन कहा जाता है के साथ हो रहे खिलवाड़ से सभी शहरवासी हतप्रभ हैं। मैदान की दुर्दशा व कथित विकास के चलते पिछले डेढ़ साल से यहां पर कोई भी खेल आयोजन नहीं हो पाया है।
19 सितंबर को मैदान का कार्य पूरा करने की समयसीमा तय की गई थी तथा इसके बाद इसे खिलाड़ियों के लिए खोला जाना था लेकिन अभी तक मैदान का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। खिलाड़ियों व खेलों का आयोजन करने वाली संस्थाओं ने इस मैदान की दुर्दशा को लेकर कई सवाल उठाए हैं। 45 साल से लगातार आयोजित होती जा रही ग्रीष्मकालीन फुटबॉल प्रतियोगिता जो मई व जून महीने में होती थी अभी तक मैदान की उपलब्धता न होने के कारण नहीं हो पाई थी। इस प्रतियोगिता की आयोजन समिति के सचिव व फुटबॉल खिलाड़ी राजेंद्र गुप्ता, फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे सुनील कुमार, क्रिकेट आयोजन समिति के वरिष्ठ प्रवक्ता राजेंद्र ¨सह राजा, खिलाड़ी हरीश कुमार, दलीप ठाकुर ने कहा कि इसी मैदान में कभी संतोष व रणजी ट्रॉफी आदि प्रतियोगिताएं खेली जाती रही हैं मगर आज प्रशासन व खेल विभाग के नकारात्मक रवैये से यह खूबसूरत मैदान हालत पर आंसू बहाता नजर आ रहा है जो एक विडंबना है। 15 महीने पहले सरकार ने मैदान को आधुनिक रूप देने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये का प्रावधान किया था और तभी से इस मैदान में खेल गतिविधियां बंद पड़ी हैं। मैदान पर कोई खेल गतिविधि न होने के कारण युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में कार्यरत प्रशिक्षक भी कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वह सेवाएं देने से वंचित हैं। प्रशिक्षक भी सरकार से बिना काम के ही वेतन ले रहे हैं। खिलाड़ियों ने मैदान को लेकर जनस्वास्थ्य एवं ¨सचाई विभाग जिसे मैदान में पानी पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंपी गई है ने आज दिन तक इस पर काम शुरू नहीं किया। बुद्धिजीवियों व खेल संगठनों ने इस काम पर असंतोष जाहिर करते हुए इसके निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।
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विभाग ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। छोटा-मोटा काम बचता है उसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसे आम जनता के लिए खोले जाने की 19 सितंबर तारीख निकल जाने बारे कहा कि आज ही निरीक्षण करेंगे और उसी हिसाब से इसे खोलने का निर्णय लिया जाएगा।
हुकम चंद वर्मा, सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग।
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एक साल से टेंडर लगाने की कोशिश कर रहे हैं। चार बार टेंडर लगा चुके हैं, हर बार एक ही टेंडर आता है। अब नया टेंडर लगा है। इसमें समझौता किया जा रहा है। जल्द काम अवार्ड हो जाएगा।
आरके सैणी, अधिशाषी अभियंता, ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग।