महामृत्युंज्य मंदिर में चादरें डालने पर विभाग खफा
वरिष्ठ संवाददाता, मंडी : उतर भारत के एकमात्र महामृत्युंज्य मंदिर में टीन की चादरें डालने से जिला प्रशासन खफा हो गया है। वर्षो पुराने इस मंदिर से छेड़छाड़ पर जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग ने मंदिर प्रबंधन वर्ग को हिदायत दी है कि इस मंदिर में चादरें स्थापित न करें अन्यथा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी राज कुमार सकलानी ने मंडी सदर के एसडीएम विनय कुमार व सीटी पुलिस चौकी प्रभारी को सोमवार को इस संदर्भ में पत्र लिखकर इस कार्य पर रोक लगाने व कार्रवाई के लिए लिखा है। जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग का कहना है कि पुरात्व शैली में बने इस मंदिर मंदिर के साथ नियमों व शर्तो के मुताबिक कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी राजकुमार सकलानी ने कहा है कि महामृत्युंज्य मंदिर में चादरें डालने को लेकर उन्होंने मंदिर कमेटी को साफ मना किया हुआ है। इस संदर्भ में उन्होंने एसडीएम मंडी विनय कुमार को एक पत्र भी लिखा है।
उधर, मंडी सदर के एसडीएम विनय कुमार ने बताया कि महामृत्युंज्य मंदिर में चादरें डालने का मामला सामने आया है। इस पर जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग को पुलिस के माध्यम से मामला दर्ज करवाने निर्देश जारी किए हैं।
वहीं, मंडी सीटी चौकी प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि मंदिर में जाकर मुआयना करके इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग अधिकारी मंडी को सौंप दी है। अगर मंदिर कमेटी के खिलाफ मामला दर्ज करने बारे कोई पत्र आएगा तो तुरंत कारवाई अमल में लाई जाएगी।
पुरानी चादरें बदली जा रही है : पुजारी सुरेंद्र
महामृत्युंज्य मंदिर के पुजारी सुरेंद्र ने बताया कि मंदिर पर नई चादरें डाली जा रही हैं। शिवरात्रि पर्व के चलते यह कार्य किया जा रहा है तथा बाद में मंदिर में चक्के डाले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बारे में भाषा एवं संस्कृति विभाग से बातचीत हो गई है।
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