अब कलस्टर स्तर पर होंगी परीक्षाएं
काकू चौहान, मंडी प्रदेश में अब पहली से सातवीं कक्षा तक की परीक्षाएं कलस्टर स्तर पर होंगी। प्रश्नपत
काकू चौहान, मंडी
प्रदेश में अब पहली से सातवीं कक्षा तक की परीक्षाएं कलस्टर स्तर पर होंगी। प्रश्नपत्र भी कलस्टर स्तर पर सेट होंगे। इसी शैक्षणिक सत्र से यह नई व्यवस्था शुरू होगी। शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने पहली अप्रैल 2010 से देशभर में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करके छह से 14 वर्ष के सभी बच्चों के लिए शिक्षा अनिवार्य कर दी थी। साथ ही आठवीं कक्षा तक परीक्षा प्रणाली समाप्त करके किसी भी छात्र को फेल न करने की नीति लागू की। इस शिक्षा प्रणाली के तहत वर्ष में चार बार बच्चों की परीक्षाएं ली जाती हैं। इसमें फोरमेटिव व सबमेटिव परीक्षाएं शामिल हैं। फोरमेटिव परीक्षा तीन-तीन माह बाद होती है। जबकि छह माह बाद सबमेटिव व वार्षिक परीक्षा ली जाती है। पहले यह परीक्षाएं स्कूल स्तर पर होती थीं। इन परीक्षाओं के लिए स्कूल स्तर पर ही पेपर सेट किए जाते थे। अपने स्कूल का अच्छा रिजल्ट दिखाने के चक्कर में कई बार शिक्षक आसान पेपर डाल देते थे। इससे बच्चों को ग्रेड तो अच्छे मिल जाते हैं, लेकिन उनके शैक्षणिक स्तर में सुधार नहीं हो पाता है और बच्चा पढ़ाई में पिछड़ जाता है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने अब कलस्टर स्तर पर परीक्षाएं लेने की योजना शुरू की है। परीक्षाओं के लिए पेपर भी कलस्टर स्तर पर ही सेट किए जाएंगे। कलस्टर हेड अपने कलस्टर के अधीन आने से स्कूलों में तैनात एक-एक शिक्षक से विषयवार पेपर सेट करवाएंगे। इसके बाद कलस्टर के सभी स्कूलों को एक जैसा पेपर दिया जाएगा और मूल्यांकन भी कलस्टर स्तर पर ही किया जाएगा। जिला मंडी में 2070 प्राइमरी व मिडिल स्कूल हैं। इसमें 1733 प्राइमरी, जबकि मिडिल स्कूल 337 हैं। इन स्कूलों के लिए 40 कलस्टर बनाए गए हैं। एक कलस्टर के अधीन चार से पांच स्कूल आते हैं। सभी कलस्टरों में एक-एक प्रभारी बनाए गए हैं जो कलस्टर के अधीन स्कूलों का संचालन कर रहे हैं।
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अब कलस्टर स्तर पर बच्चों की परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र भी कलस्टर स्तर पर ही सेट किए जाएंगे। इसके लिए सभी कलस्टर प्रभारियों को अवगत करवा दिया गया है।
- मो¨हद्र ठाकुर, जिला परियोजना अधिकारी आरएमएसए।