गर्भवती महिला के लिए जीवनदायिनी बनी एंबुलेंस सेवा
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : स्थानीय अस्पताल में एक बार फिर गर्भवती महिला को विशेषज्ञ चिकित्सक और अस्
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : स्थानीय अस्पताल में एक बार फिर गर्भवती महिला को विशेषज्ञ चिकित्सक और अस्पताल की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का सामना करना पड़ा। प्रसव पीड़ा उठने के बाद जब गर्भवती महिला को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया तो उसे जिला के क्षेत्रीय अस्पताल रेफर कर दिया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पताल में चल रही नि:शुल्क 108 एंबुलेंस सुविधा गर्भवती महिला के लिए जीवनदायिनी साबित हुई। जब महिला को जोनल अस्पताल मंडी ले जाया जा रहा था तो एंबुलेंस में तैनात आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) ने सफल प्रसव करवा दिया। जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
कांगड़ा की सीमा पर स्थित बरोट के मुल्थान गांव की कुश्मा देवी (19) पत्नी राजीव कुमार को वीरवार देर रात करीब ढाई बजे प्रसव पीड़ा उठने पर स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। यहां आपातकालीन सेवा में मौजूद चिकित्सक ने गर्भवती महिला को उपचार के लिए जोनल अस्पताल मंडी रेफर कर दिया। करीब 25 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद पद्धर के द्रंग में महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इस पर 108 एंबुलेंस के चालक राजेंद्र पाल ने सड़क के किनारे एंबुलेंस खड़ी करके ईएमटी जितेंद्र कुमार के साथ मिलकर महिला का सफल प्रसव करवाया। गर्भवती महिला ने लड़की को जन्म दिया है। बाद में महिला और नवजात शिशु को उपचार के लिए पद्धर अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। महिला के पति राजीव कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी को अस्पताल में उपचार दिलाने पहुंचे थे, लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते उन्हें जोनल अस्पताल मंडी रेफर कर दिया गया। उन्होंने 108 एंबुलेंस कर्मचारियों का आभार जताया। जोगेंद्रनगर अस्पताल में महिला विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण महिलाओं को इस प्रकार की कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान का कहना है कि अस्पताल में महिला विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के बावजूद अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों द्वारा प्रतिमाह 20 से अधिक प्रसव करवाए जा रहे हैं। गंभीर मरीजों को ही उपचार के लिए जिला मंडी व कांगड़ा के टांडा अस्पताल में रेफर किया जाता है।