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खनन माफिया ने रोका सुकेती का बहाव

सुभाष आहलुवालिया, नेरचौक बल्ह घाटी में नागचला के समीप माफिया ने जेसीबी से सुकेती खड्ड का बहाव ही र

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 06:00 PM (IST)
खनन माफिया ने रोका सुकेती का बहाव
खनन माफिया ने रोका सुकेती का बहाव

सुभाष आहलुवालिया, नेरचौक

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बल्ह घाटी में नागचला के समीप माफिया ने जेसीबी से सुकेती खड्ड का बहाव ही रोक दिया है। इससे यहां फोरलेन को खतरा पैदा हो गया है। घाटी के कंसा, ढाबण, लोहारा बगला, चक्कर, लोहारा सहित दर्जन भर स्थानों पर खड्डों में तथा अन्य स्थानों पर अवैध रूप से खनन को अंजाम दिया जा रहा है। अवैध खनन से माफिया करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा है। क्षेत्र में कुछ ही ठेकेदार है, जिनके पास लाइसेंस हैं और अधिकतर लोग बिना अनुमति के खनन को अंजाम दे रहे हैं।

बल्ह घाटी के लोगों का कहना है कि विभाग कुछ छोटे ठेकेदारों पर कार्रवाई करता है। इससे गरीब आदमी ही जकड़ में आता है। जो बड़े स्तर पर अवैध खनन को अंजाम दे रहा है, उस पर तो इनकी नजर ही नहीं पड़ती है।

अवैध रूप से हो रहे खनन से एक तरफ जहां सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का चुना लग रहा है, वहीं मिनी पंजाब के नाम से मशहूर बल्ह घाटी की उपजाऊ भूमि भी तबाह हो रही है। घाटी में भारी मात्रा में रेत, बजरी व पत्थर निकाली जा रही है। हालांकि घाटी में अवैध रूप से खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है फिर भी इस पर लगाम लगती नहीं दिख रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से हो रहे खनन में विभागीय लोगों का संलिप्त होना भी है।

विभाग खानापूर्ति के लिए छोटे लोगों पर कार्रवाई करता है। पांच बजे के बाद जब विभाग के कर्मचारी घर चले जाते हैं तो यहां अवैज्ञानिक तरीके से खनन किया जाता है। जेसीबी मशीन के ही रहे खनन से 20 से 30 फुट तक गहरे गड्ढों हो चुके है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यही नहीं निर्माणाधीन फोरलेन के साथ लगते स्थानों पर दिन रात खनन किया जा रहा है। इससे बरसात मेंबाढ़ आने का खतरा है। लोगों ने आशंका जताई है कि बाढ़ फोरलेन को बहाकर भी ले जा सकती है। कुछ स्थान ऐसे भी है, जहां पर जमीन फोरलेन के लिए ली गई हैं मगर लोग रेत व बजरी निकाले जा रहे हैं। जमीन का पैसा ले चुके लोग वहीं से रेत बजरी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

अवैध रूप से दिन-रात अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे खनन से बल्ह घाटी में जलस्तर बहुत नीचे जा रहा है। इससे घाटी में पानी की किल्लत हो रहा है। ¨सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के कई पंप हाउस ऐसे है जहां पर पानी कम हो रहा है। कुछ समय पहले जहां घाटी में पांच से दस फुट तक पानी निकल आत था। अब 15 से 20 फुट खोदाई के बाद ही पानी निकलता है। लोगों का कहना है कि जल्द ही खनन पर रोक नहीं लगाई गई तो वह दिन भी दूर नहीं जब यहां पर पानी के लिए हाहाकर होगी। इधर, एसडीएम बल्ह सिद्धार्थ आचार्य का कहना है कि खनन विभाग को अवैध रूप से खनन कर रहे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।


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