Move to Jagran APP

कृषि विशेषज्ञों ने किया पीला रतुआ प्रभाविता खेतों का दौरा

सहयोगी, पद्धर : कृषि प्रसार विभाग पद्धर ने किसानों की गंदम की फसल को पीला रतुआ रोग से बचाने के लि

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 07:53 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 07:53 PM (IST)
कृषि विशेषज्ञों ने किया पीला 
रतुआ प्रभाविता खेतों का दौरा
कृषि विशेषज्ञों ने किया पीला रतुआ प्रभाविता खेतों का दौरा

सहयोगी, पद्धर : कृषि प्रसार विभाग पद्धर ने किसानों की गंदम की फसल को पीला रतुआ रोग से बचाने के लिए उनके खेतों का दौरा किया और रोकथाम के उपाय बताए। कृषि प्रसार अधिकारी पद्धर डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि किसानों की शिकायत पर विभाग उनके खेतों का मुआयना कर उन्हें पीला रतुआ रोग प्रतिरोधक दवाई का इस्तेमाल करने की जानकारी दी जा रही है। गर्मी के मौसम और फसल के तैयार होने के वक्त गंदम की फसल को पीला रतुआ रोग लगने की संभावना अधिक रहती है। गेंहू की फसल में पीले रंग की धारियां और हाथ से छूने पर पीले रंग के फफूंद के बीजाणु साफ नजर आने शुरू हो जाते हैं, जो पीला रतुआ रोग के लक्षण होते हैं। इसकी संभावना उन क्षेत्रों में अधिक रहती है, जहां के किसानों ने लोकल बीज का इस्तेमाल किया हो या गत वर्ष जिन किसानों के खेतों में पीला रतुआ रोग पाया गया हो। शर्मा ने बताया कि रोग से निपटने के लिए विभाग ने प्रॉपिकोनाजोल दवाई सभी विक्रय केंद्रों में उपलब्ध करवा दी है। यह 50 फीसदी अनुदान पर उपलब्ध है। किसान प्रॉपिकोनाजोल एक मिली लीटर, एक लीटर पानी में मिलाकर गंदम के खेतों में स्प्रे करें। स्प्रे 10-15 दिन के बाद कंट्रोल न आने पर दोबारा की जा सकती है। इस वर्ष 75 लीटर दवाई प्रदर्शन के माध्यम से और 125 लीटर दवाई 50 फीसदी अनुदान के माध्यम से किसानों को दी जा रही है। सोमवार को विभागीय अधिकारी डॉ. हरीश शर्मा और डॉ. विनोद कुमार ने कुन्नू, पाली, सरौंझ, रोपा गांव में किसानों के खेतों का जायजा लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.