आसान नहीं कांगर स्कूल पहुंचने की डगर
सहयोगी, बग्गी : नाचन हलके में एक स्कूल ऐसा भी है जहां पहुंचने की डगर आसान नहीं है। स्कूल पहुंचने के
सहयोगी, बग्गी : नाचन हलके में एक स्कूल ऐसा भी है जहां पहुंचने की डगर आसान नहीं है। स्कूल पहुंचने के लिए ऊबड़-खाबड़ रास्ते से जाना पड़ता है। यहां पर अगर बारिश हो जाए तो रास्ते में इतनी फिसलन हो जाती है कि हादसे का डर बना रहता है, लेकिन किसी का भी इस बात पर ध्यान नहीं है। हम बात कर रहे हैं रजवाड़ी पंचायत स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला कांगर की। स्कूल जाने के लिए रास्ता पक्का न होने से बच्चों को काफी परेशान होना पड़ता है। स्कूल में मौजूदा समय में करीब 35 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसमें एक दर्जन से भी अधिक बच्चे गांव खोहर के इस स्कूल में पढ़ रहे हैं। करीब 35 साल पहले यहां पर स्कूल खोला गया था। हैरत की बात है कि अब तक स्कूल के लिए पक्का रास्ता तक नहीं बन पाया है। लगातार बारिश होने से रास्ते में कीचड़ जमा हो जाता है। इससे बच्चों के फिसलने का भी खतरा बना हुआ है। बरसात हो या गर्मी व सर्दी, रास्ते की इतनी दयनीय हालत है कि बच्चों को इस रास्ते से चलना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय निवासी दिनेश कुमार, सुरेश कुमार, बालक राम, यादव ¨सह, हेमराज, केसर ¨सह, तुलसी राम, बुद्धि ¨सह ने बताया कि जब भी चुनाव होते हैं तो यह रास्ता चुनावी मुद्दा बन जाता है। चुनाव खत्म होते ही यह मुद्दा अगले पांच साल के लिए बंद हो जाता है। रास्ते के बीच एक नाला आता है, अगर बारिश तेज हो तो पानी के तेज बहाव से बच्चों का यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों ने उपायुक्त संदीप कदम से इस रास्ते को पक्का करने मांग की है।
स्थानीय पंचायत प्रधान जसमती देवी ने बताया कि इस रास्ते का मौका किया गया है। रास्ते की हालत काफी दयनीय है। बच्चों का इस रास्ते से चलना मुश्किल है। इस रास्ते को पक्का करने के लिए उचित प्रबंध किया जाएगा।