वैज्ञानिक जगत ने भी माना प्रभु की शक्ति को
जागरण संवाददाता, मंडी : ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी के सानिध्य में पड्डल मैदान में प्रभु कृपा दुख निव
जागरण संवाददाता, मंडी : ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी के सानिध्य में पड्डल मैदान में प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के दूसरे दिन देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं ने प्रभु कृपा के दिव्य रहस्य ग्रहण किए। समागम में हजारों लोगों के प्रमाणिक अनुभवों को सुनकर देश-विदेश के श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह गए। ब्रह्मार्षि कुमार स्वामी ने लाखों श्रद्धालुओं को मां भगवती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के अद्भूत रहस्य प्रदान किए। समागम में रामायण व महाभारत के कलाकारों सहित अनेक विशिष्ट अतिथियों ने भी प्रभु कृपा ग्रहण की।
कुमार स्वामी ने कहा कि एक समय मैं भी वैज्ञानिक प्रारूप का था और वैदिक-सनातन संस्कृति, यज्ञ और पूजा-पाठ को नहीं मानता था मगर जब मैंने साक्षात इस प्रारूप के अनुभव देखे तो मैं भी हैरान रह गया। आज पूरी दुनिया में लाखों लोग दिव्य पाठ कर रहे हैं और अपने असाध्य कष्टों से मुक्ति पा रहे हैं। वैज्ञानिक जगत ने भी तथ्यगत अनुभवों को देखकर दिव्य पाठ की शक्ति को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के ग्रंथों में अपार शक्तियां गुप्त रूप में मौजूद हैं, जिनसे जनकल्याण का पावन कार्य हो सकता है। प्रभु कृपा के इस शक्तिशाली आलोक से आज संसार के करोड़ों लोगों को लाभ हो रहा है। पाठ की शक्ति का अनुमान कोई नहीं लगा सकता। आप उतना सोच भी नहीं सकते, जितना फल यह पाठ आपको देगा। यह पाठ व्यक्तिगत नहीं है बल्कि साक्षात वेदों और शास्त्रों का है।
इस अवसर पर भगवान लक्ष्मी नारायण धम के महासचिव श्री गुरुदास ने कहा कि स्वामी द्वारा प्रदान किए जा रहे दिव्य पाठ ने विश्व के लोगों को जीने की नई राह दी है और विश्व में शांति, प्रेम और सौहार्द का वातावरण निर्मित करने में उल्लेखनीय योगदान प्रदान किया है। विश्व की सरकारें इन्हें शांतिदूत और मानवता के दूत के रूप में पुरस्कृत कर रही हैं। वह समस्त मानवता को केवल एक ही संदेश प्रदान करते हैं कि सभी धर्म, संप्रदाय और मत एक हैं और सभी धर्म शास्त्रों का मूल जनमानस को प्रेम और करुणा प्रदान करना है। अगला समागम 21 और 22 मई को जयपुर में होगा।